Move to Jagran APP

बैड लोन के कारण FY18 में सरकारी बैंको का घाटा उच्चतम स्तर पर पहुंचा: रिपोर्ट

अकेले चौथी तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकिंग सेक्टर का कुल घाटा 62,681 करोड़ (9.30 बिलियन डॉलर) रुपये रहा है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 31 May 2018 10:52 AM (IST)Updated: Thu, 31 May 2018 10:52 AM (IST)
बैड लोन के कारण FY18 में सरकारी बैंको का घाटा उच्चतम स्तर पर पहुंचा: रिपोर्ट
बैड लोन के कारण FY18 में सरकारी बैंको का घाटा उच्चतम स्तर पर पहुंचा: रिपोर्ट

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकारी बैंकों का कुल घाटा इस साल 31 मार्च 2018 को खत्म हुए वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 85,370 (12.65 डॉलर) करोड़ रुपये रहा है। केंद्रीय बैंक के सख्त नियमों के बाद इसमें और इजापा देखने को मिला है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से फरवरी में आधा दर्जन ऋण पुनर्गठन योजनाओं को वापस लेने और अन्य प्रतिबंध लगाने के बाद मार्च तिमाही में भारत के 21 प्रमुख बैंकों जो कि अधिकांश हिस्सेदारी रखते हैं, के घाटे में बढ़त देखी गई।

loksabha election banner

अकेले चौथी तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकिंग सेक्टर का कुल घाटा 62,681 करोड़ (9.30 बिलियन डॉलर) रुपये रहा-वहीं इंडियन बैंक और विजया बैंक शुद्ध मुनाफा कमाने में असफल रहा है। इससे पहले भी बैंकों ने पूर्व के दो सालों में घाटा दर्ज कराया है जिसमें प्रमुख वजह बैड लोन रही है। लेकिन वित्त वर्ष 2017-18 का घाटा अब तक का सबसे बड़ा घाटा है।

21 बैंकों में सकल गैर-निष्पादित ऋण तीन महीने पहले के मुकाबले 15 फीसद बढ़कर मार्च अंत तक 8.96 लाख करोड़ रुपये (133 बिलियन डॉलर) पर पहुंच गया। वहीं बैंकों के कुल लोन में से बैड लोन की भी हिस्सेदारी अधिकांश बैंकों में बढ़ी है, जिसमें से आईडीबीआई बैंक इस मामले (बैड लोन) में 27.95 फीसद के साथ सबसे आगे है, इसके बाद अगला नंबर आता है ओवरसीज बैंक का जो कि 25.28 फीसद का रहा है।

दिलचस्प बात यह है कि बैड लोन के स्तर में इजाफा ऐसे समय में हुआ है जब केंद्र सरकार अगले दो सालों में 2.11 लाख करोड़ रुपये के पुर्नपूंजीकरण के जरिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सेहत सुधारने का फैसला कर चुका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.