ऑडिटरों ने भी छोड़ा माल्या का दामन
संकट में फंसी विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस की पुनरुद्धार योजना को कंपनी के ऑडिटरों ने ही नकार दिया है। ऑडिटरों ने कंपनी के इस दावे पर सवाल उठाए हैं कि कंपनी दोबारा परिचालन करने में सक्षम है। साथ ही किंगफिशर की प्रमोटर यूनाइटेड ब्रेवरीज ने भी एयरलाइंस में अपने ज्यादा निवेश को लेकर चिंता जताई है
नई दिल्ली। संकट में फंसी विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस की पुनरुद्धार योजना को कंपनी के ऑडिटरों ने ही नकार दिया है। ऑडिटरों ने कंपनी के इस दावे पर सवाल उठाए हैं कि कंपनी दोबारा परिचालन करने में सक्षम है। साथ ही किंगफिशर की प्रमोटर यूनाइटेड ब्रेवरीज ने भी एयरलाइंस में अपने ज्यादा निवेश को लेकर चिंता जताई है। किंगफिशर के निदेशक मंडल को सौंपी गई हालिया रिपोर्ट में ऑडिटरों ने कहा कि पिछले घटनाक्रम को देखते हुए कंपनी को परिचालन योग्य नहीं माना जा सकता।
लेखांकन मानकों के अनुरूप परिचालन योग्य कंपनी ऐसी इकाई को माना जाता है जिस पर निकट भविष्य में धन की कमी का कोई संकट न हो। ऑडिटरों ने कहा कि किंगफिशर खुद को परिचालन योग्य कंपनी बताते हुए अपने वित्तीय परिणाम पेश कर रही है, जबकि कंपनी की नेटवर्थ पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है।
विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से हासिल कंपनी के परिचालन लाइसेंस की अवधि समाप्त हो चुकी है और बैंकों का समूह अपने कर्ज की वसूली में जुटा है। एयरलाइंस को परिचालन योग्य मानने की धारणा इस बात पर निर्भर करती है कि कंपनी में दोबारा परिचालन लाइसेंस हासिल करने, प्रतिबद्धताएं पूरी करने के लिए जरूरी धन जुटाने और कर्ज पुनर्गठन जैसी जरूरतों के लिए कितनी क्षमता मौजूद है।
कंपनी के हालिया वित्तीय परिणामों के मुताबिक अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी को 1,157 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है और इस पर कुल 16,023 करोड़ रुपये का कर्ज है। परिचालन बंद होने के बावजूद विभिन्न मदों में कंपनी को बड़ी रकम खर्च करनी पड़ रही है, बीती तिमाही में वेतन मद में कंपनी ने 60 करोड़ रुपये, विमानों के लीज रेंटल पर 103 करोड़ और अन्य मदों में 76 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया है। वहीं, यूबी होल्डिंग के ऑडिटरों ने कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस में कंपनी का 14,000 करोड़ रुपये का भारी निवेश चिंताजनक है। एयरलाइंस का लाइसेंस स्थगित है, नेटवर्थ समाप्त हो चुकी है और कंपनी कर्ज चुकाने की प्रतिबद्धताएं पूरी नहीं कर पा रही है।
ऑडिटरों ने कहा कि संभावित नुकसान के मद में यूबी होल्डिंग के खातों में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। वहीं, यूबी होल्डिंग प्रबंधन का कहना है कि वह कर्जदाताओं की ओर से वसूली के लिए की जा रही कार्रवाई को चुनौती देगी।