नोटबंदी बिना तैयारियों के किया गया लागू: एसोचैम
फएमसीजी, आभूषण और एसएमई जैसे अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र विमुद्रीकरण से प्रभावित हुए हैं
नई दिल्ली: एफएमसीजी, आभूषण और एसएमई जैसे अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र विमुद्रीकरण से प्रभावित हुए हैं। साथ ही बड़ी संख्या में असंगठित क्षेत्र के लोगों की नौकरी चली गई है। ऐसा उद्योग मंडल एसोचैम का कहना है। एसोचैम के अध्यक्ष सुनील कनोडिया का कहना है कि नोटबंदी को बिना तैयारियों के क्रियान्वित किया गया। संभवत: इसके प्रभाव और चुनौतियों के बारे में ठीक से समझ नहीं बनाई गई।
एसोचैम के अध्यक्ष ने क्या कहा-
नोटबंदी के लिए कई काम किए जाने की जरूरत थी, जिस तरह से इसे क्रियान्वित किया गया है, मुझे भरोसा है कि प्रधानमंत्री मोदी भी इससे नखुश होंगे। नोटबंदी से मौजूदा परिदृश्य प्रभावित होगा। इसका असर देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर भी होगा।
सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं आभूषण कंपनियां:
सरकार की ओर से 500 और 1,000 का नोट बंद करने पर कनोडिया का कहना है कि इसका सबसे ज्यादा असर आभूषण कंपनियों पर हुआ है।
कंज्यूमर गुड्स सेक्टर (एफएमसीजी) और एसएमई भी इससे प्रभावित हुए हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या इससे मौजूदा और अगली तिमाही में कंपनियों की आमदनी प्रभावित होगी, तो इसपर कनोडिया ने कहा कि कुछ कारोबार जो सीधे उपभोक्ताओं से जुड़ा है निश्चित रूप से प्रभावित होगा।
कनोडिया ने यह भी कहा कि नोटबंदी के वांछित नतीजे हासिल करने के लिए बड़े कर सुधारों की जरूरत है। उनका कहना है कि आगामी बजट सरकार के लिए सबसे महत्वपूर्ण साबित होगा। सरकार को टैक्स स्लैब को इस हद तक कम करना होगा जिससे काले धन का सृजन करने वाले लोगों को हतोत्साहित किया जा सके।
आयकर में छूट की सीमा को 5 लाख रुपए तक करने की मांग
कनोडिया का मानना है कि आयकर छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर कम से कम 5 लाख रुपए किया जाना चाहिए। इसी तरह 15 से 20 लाख रुपए की आय पर 10 फीसदी की दर से कर लगना चाहिए। कनोड़िया ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की औसत दर को 18 से 15 फीसदी किया जाना चाहिए।