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म्‍युचुअल फंडों में निवेश की शुरुआत करने वालों के लिए अच्‍छे हैं एसेट अलोकेशन फंड, इक्विटी और डेट में करते हैं निवेश

विभिन्न एसेट क्लास में रोटेशन करते रहने से निवेश का परिणाम बेहतर रहता है। अगर रिटेल निवेशक भी अगर इस तरह का निवेश करना चाहते हैं तो उनके लिए एसेट अलोकेशन स्कीम अच्छा विकल्प है।

By Manish MishraEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 05:36 PM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 05:36 PM (IST)
म्‍युचुअल फंडों में निवेश की शुरुआत करने वालों के लिए अच्‍छे हैं एसेट अलोकेशन फंड, इक्विटी और डेट में करते हैं निवेश
म्‍युचुअल फंडों में निवेश की शुरुआत करने वालों के लिए अच्‍छे हैं एसेट अलोकेशन फंड, इक्विटी और डेट में करते हैं निवेश

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्‍क। अगर आप म्‍युचुअल फंड में पहली बार निवेश कर रहे हैं और रिटेल निवेशक हैं तो आपके लिए बेहतर होगा कि आप एसेट अलोकेशन की इक्विटी स्कीमों में निवेश करें। दरअसल फाइनेंशियल प्लानर यह सलाह इसलिए देते हैं क्योंकि रिटेल निवेशक एसेट अलोकेशन के अनुशासन का पालन नहीं कर पाते हैं और उनके लिए फंड्स एक कोर पोर्टफोलियो के रूप में अच्छा साबित हुआ है।

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अर्थलाभ के आंकड़े बताते हैं कि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट अलोकेटर फंड ऑफ फंड्स ने अक्टूबर के अंत तक 46.1 फीसद निवेश इक्विटीज में किया था। इसे दो स्कीमों में बांटा गया था जिसमें 19.9 फीसद हिस्सा आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लार्ज एवं मिड कैप फंड में जबकि 27.1 फीसद हिस्सा ब्लूचिप फंड में था। डेट हिस्से को भी कई स्कीमों में बांटा गया था जिसमें आईसीआईसीआई प्रू ऑल सीजन बॉन्‍ड फंड में 13.5 फीसद, फ्लोटिंग इंट्रेस्ट फंड में 19.1 फीसद, कॉरपोरेट बॉन्‍ड फंड में 9 फीसद, मनी मार्केट फंड में 9.7 फीसद और सेविंग फंड में 0.8 फीसद था। 

इसी तरह फ्रैंकलिन इंडिया डायनामिक एसेट अलोकेशन फंड ऑफ फंड्स ने इक्विटीज का हिस्सा फ्रैंकलिन इंडिया इक्विटी फंड और डेट का हिस्सा शॉर्ट टर्म इनकम प्लान में किया था।

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट अलोकेटर फंड का एयूएम 19 नवंबर तक 4,372 करोड़ रुपए था, जबकि एक साल में इसने 9.89 फीसद और 3 वर्ष में 11.09 फीसद का रिटर्न दिया था। फ्रैंकलिन इंडिया डायनामिक एसेट अलोकेशन फंड ऑफ फंड्स का एयूएम 1,021 करोड़ रुपए था और उपरोक्त अवधि में इसने 7.11 और 8.6 फीसद का रिटर्न दिया था।

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के मुख्य निवेश अधिकारी (सीआईओ) एस. नरेन कहते हैं कि विभिन्न एसेट क्लास में निवेश कर अच्छा रिटर्न पाने वाले लोग बाजार के चक्र के अनुसार निवेश में रोटेशन करते रहते हैं। क्योंकि जब अर्थव्यवस्था वृद्धि के चक्र में होती है तो इक्विटी बाजार का प्रदर्शन मजबूत होता है और जब अर्थव्यवस्था संकुचित दौर में होती है तो तब डेट बाजार अच्छा प्रदर्शन करता है। ऐसी स्थिति में स्मार्ट निवेशक निवेश में फेरबदल करते रहते हैं और उन्हें अच्छा रिटर्न मिलता रहता है।

नरेन के अनुसार, विभिन्न एसेट क्लास में रोटेशन करते रहने से निवेश का परिणाम बेहतर रहता है। अगर रिटेल निवेशक भी अगर इस तरह का निवेश करना चाहते हैं तो उनके लिए एसेट अलोकेशन स्कीम अच्छा विकल्प है।

फिक्स्ड डिपॉजिट में से इक्विटीज में प्रवेश कर रहे पहली बार के निवेशकों के लिए कम जोखिम वाले उत्पाद अच्‍छे हैं। ऐसे निवेशकों के लिए एसेट अलोकेशन स्कीम एक कोर पोर्टफोलियो साबित हो सकता है। 

जीईपीएल कैपिटल के रूपेश भंसाली कहते हैं कि किस एसेट क्लास में खरीदी करना है और किस एसेट क्लास में नहीं करना है, इस मामले में निवेशकों को 100 फीसद विश्वास नहीं होता है। ऐसे निवेशकों को एसेट अलोकेशन फंडों में निवेश करना चाहिए।


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