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सरकार-आरबीआइ के बीच दो-तीन मुद्दों पर थे मतभेद

सरकार ने अपनी चिंता का इजहार करने के लिए एक चर्चा शुरू की थी।

By NiteshEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 09:05 AM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 04:45 PM (IST)
सरकार-आरबीआइ के बीच दो-तीन मुद्दों पर थे मतभेद
सरकार-आरबीआइ के बीच दो-तीन मुद्दों पर थे मतभेद

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को स्वीकार किया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के साथ 2-3 मुद्दों पर मतभेद था। उन्होंने हालांकि यह सवाल उठाया कि किसी संस्थान की कार्यप्रणाली पर महज चर्चा करने को उस संस्थान का विनाश कैसे माना जा सकता है। उन्होंने कांग्रेस के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी सहित पहले की कुछ सरकारों द्वारा आरबीआइ गवर्नरों को इस्तीफा देने के लिए कहने से संबंधित घटनाओं का जिक्र भी किया।

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जेटली पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने ऐसी परिस्थितियां पैदा कीं, जिसके कारण रिजर्व बैंक के गवर्नर पद से उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि आरबीआइ के साथ सरकार के मतभेदों में अर्थव्यवस्था में कर्ज की उपलब्धता और नकदी से जुड़ी सहायता जैसे मुद्दे शामिल थे।

सरकार ने अपनी चिंता का इजहार करने के लिए एक चर्चा शुरू की थी। जेटली ने कहा कि एक स्वायत्त और महत्वपूर्ण संस्थान के साथ चर्चा करना और उसे यह बताना कि यह आपकी (आरबीआइ की) कार्यप्रणाली का हिस्सा है और यह अर्थव्यवस्था का एक अहम क्षेत्र है, जिस पर आपको निश्चित रूप से गौर करना चाहिए, इन्हें भला कैसे इस संस्थान का विनाश करना कहा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि हम संप्रभु सरकार हैं और जहां तक एक अर्थव्यवस्था के प्रबंधन की बात है, तो हम सबसे अहम पक्ष हैं। कर्ज और नकदी के मामले में आरबीआइ की एक जिम्मेदारी है। हम उसका काम अपने हाथ में नहीं ले रहे। सरकार सिर्फ एक ऐसे उपकरण का इस्तेमाल कर चर्चा शुरू कर रही थी, जिसका इस्तेमाल पहले कभी नहीं हुआ। 


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