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प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत घरों के निर्माण से पैदा होंगी करीब 3.65 करोड़ नौकरियां: पुरी

Pradhan Mantri Awas Yojana देश की 40 फीसद आबादी या 600 मिलियन भारतीयों के साल 2030 तक शहरी केंद्रों में रहने की उम्मीद है। PC Pixabay

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 06:32 PM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 09:05 AM (IST)
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत घरों के निर्माण से पैदा होंगी करीब 3.65 करोड़ नौकरियां: पुरी
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत घरों के निर्माण से पैदा होंगी करीब 3.65 करोड़ नौकरियां: पुरी

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि देश में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत मंजूर मकानों के निर्माण में लगभग 3.65 करोड़ नौकरियां पैदा होंगी। भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित एक वेबिनार में बोलते हुए, पुरी ने कहा कि अब तक, PMAY (U) के तहत 1.65 करोड़ नौकरियां पहले ही उत्पन्न हो चुकी हैं।

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केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने 1.12 करोड़ की मांग के खिलाफ 1.07 करोड़ घरों को मंजूरी दी है और इनमें से 67 लाख घरों के निर्माण की तैयारी हो चुकी है और 35 लाख घरों को अब तक वितरित किया गया है।

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'आत्मानिभर भारत: आवास व निर्माण और उड्डयन क्षेत्र में इस्पात उपयोग को प्रोत्साहन' विषय पर वेबिनार के दौरान पुरी ने कहा कि यह अनुमान है कि योजना के तहत स्वीकृत घरों के निर्माण में 158 लाख मीट्रिक टन स्टील और 692 लाख मीट्रिक टन सीमेंट की खपत होगी।

उन्होंने कहा, "सभी मंजूर घरों के निर्माण में अनुमानित 3.65 करोड़ नौकरियां पैदा होंगी, जिनमें से पीएमएवाई (यू) के तहत अब तक बनाए गए घरों के निर्माण में लगभग 1.65 करोड़ नौकरियां पहले ही उत्पन्न हो चुकी हैं।"  उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में, लगभग 700 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क लंबाई 18 शहरों में चालू है और 27 शहरों में लगभग 900 किलोमीटर नेटवर्क निर्माणाधीन है।

मंत्री ने कहा बताया कि अकेले दिल्ली-एनसीआर में, 378 किमी का मेट्रो नेटवर्क चालू है। उन्होंने कहा कि देश की 40 फीसद आबादी या 600 मिलियन भारतीयों के साल 2030 तक शहरी केंद्रों में रहने की उम्मीद है, इस बढ़ती शहरी आबादी की जरूरत को पूरा करने के लिए, भारत को 2030 तक हर साल  600 से 800 मिलियन वर्ग मीटर का शहरी स्थान बनाना होगा।


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