दो करोड़ निर्माण श्रमिकों को लॉकडाउन में मिली करीब 5 हजार करोड़ की नकद सहायताः श्रम मंत्रालय
लॉकडाउन के दौरान एक हजार रुपये से 6000 रुपये तक की नकद सहायता के अलावा कुछ राज्यों ने श्रमिकों को खाना एवं राशन भी उपलब्ध कराया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान भवन एवं अन्य निर्माण कार्य से जुड़े दो करोड़ श्रमिकों को 4,957 करोड़ रुपये की नकद सहायता प्राप्त हुई। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। श्रम मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, '24 मार्च, 2020 को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी के बाद राज्य सरकारों ने लॉकडाउन के दौरान करीब दो करोड़ पंजीकृत निर्माण मजदूरों को 4,957 करोड़ रुपये की उल्लेखनीय वित्तीय मदद का वितरण किया।' मंत्रालय ने कहा है कि 1.75 करोड़ ट्रांजैक्शन के जरिए सीधे श्रमिकों के बैंक खातों में रुपये का हस्तांतरण किया गया।
(यह भी पढ़ेंः 30 जून से पहले निपटा लें ये 6 जरूरी काम, वरना झेलना पड़ेगा बड़ा आर्थिक नुकसान)
Two crore Building and Other Construction Workers (BOCW) received cash assistance of Rs 4957 crores during lockdown.
For More Click - https://t.co/REPq35uE06" rel="nofollow#IndiaFightsCorona #coronavirus @PIB_India@PMOIndia @santoshgangwar @mygovindia @MIB_India @DDNational @ — Ministry of Labour (@LabourMinistry) June 23, 2020
लॉकडाउन के दौरान एक हजार रुपये से 6,000 रुपये तक की नकद सहायता के अलावा कुछ राज्यों ने श्रमिकों को खाना एवं राशन भी उपलब्ध कराया है। निर्माण मजदूरों के कल्याण के मुद्दे पर सभी राज्य सरकारों और राज्य कल्याण बोर्ड के साथ समन्वय के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय नोडल मंत्रालय के तौर पर काम कर रहा है।
मंत्रालय ने कहा है कि उसने उन लोगों तक समय पर नकदी हस्तांतरण को सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ा। उल्लेखनीय है कि भवन एवं अन्य निर्माण कार्य में लगे हुए श्रमिक असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले सबसे कमजोर वर्ग में आते हैं।
मंत्रालय ने कहा है कि ये श्रमिक अनिश्चित भविष्य के साथ विकट परिस्थितियों में काम करते हैं। इनमें से अधिकतर प्रवासी मजदूर होते हैं जो अपने पैतृक स्थान से काफी दूर जाकर काम करते हैं। ये लोग राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय भूमिका निभाते हैं, फिर भी समाज के हाशिए पर हैं।