एस्सार स्टील को खरीदने के लिए 50 हजार करोड़ चुकाने पर सहमत आर्सेलर मित्तल
आर्सेलर मित्तल कर्ज में फंसी एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिए 50 हजार करोड़ रुपये चुकाने को सहमत हो गई है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आर्सेलर मित्तल कर्ज में फंसी एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिए 50 हजार करोड़ रुपये चुकाने को सहमत हो गई है। इसमें से 8 हजार करोड़ रुपये की पूंजी कंपनी में लगाई जाएगी। समझौते की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि इस ऑफर के तहत सुरक्षित लेनदारों को 39.4 हजार करोड़ और कंपनी को 2500 करोड़ रुपये मिलेंगे। इस तरह यह रकम 42 हजार करोड़ रुपये होती है। इसके अलावा, आर्सेलर ने 8 हजार करोड़ रुपये बाद में देने की पेशकश की है।
सोमवार को शुरू हुई लेनदारों, बैंकर्स वकीलों की यह बैठक मंगलवार को खत्म हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस समझौते में असुरक्षित लेनदारों का भुगतान और स्मॉल ऑपरेशनल लेनदारों के एक करोड़ रुपये के ड्यु चुकाने की सहमति बनी। समझौते के मुताबिक, कंपनी के कर्मचारियों का 18 करोड़ रुपये के बकाया का भी भुगतान किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, समझौते के तहत सुरक्षित लेनदारों को 42 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे। यह कंपनी के स्टील एसेट का 86 फीसद हिस्सा है। यह रकम आरबीआई द्वारा इंसोल्वेंसी कोर्ट में घसीटे गए डिफॉल्टर्स में से सबसे ज्यादा है। कंपनी के कर्ज देने वाले संस्थान से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि यह बेस्ट डील है। हमने इस योजना के लिए सहमति दे दी है। इस डील से सभी कर्जदाता सहमत हैं।
वहीं एक और मामले में लक्ष्मी मित्तल के भाई प्रमोद मित्तल की जीपीआई टेक्सटाइल्स ने एनसीएलटी अहमदाबाद में कैवियेट दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि आर्सेलर मित्तल द्वारा दिया गया प्रस्ताव गैरकानूनी/ गलत है। जीपीआई टेक्सटाइल्स भी इंसोल्वेंसी केस लड़ रही है। आर्सेलर मित्तल से जुड़े अधिकारी ने बताया कि कंपनी पहले ही बता चुकी है कि आर्सेलर मित्तल की एलिजिबिलिटी और मित्तल के भाइयों के बिजनेस के बीच कोई संबंध नहीं है।