रेपो रेट में चौथाई फीसद की कटौती कर सकता है RBI, विशेषज्ञों ने जताई उम्मीद
भारतीय रिवर्ज बैंक 6 जून को चालू वित्त वर्ष के लिए अपनी दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करने वाला है। यह लोकसभा चुनावों के बाद रिजर्व बैंक की पहली नीतिगत बैठक होगी।
नई दिल्ली (पीटीआइ)। आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, मार्च 2019 वाली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में सुस्ती की संभावना है। इस कारण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) जून की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 25 आधार अंकों यानी चौथाई फीसद की कटौती कर सकता है। डीबीएस ग्रुप की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, आर्थिक वृद्धि दर 6.1 फीसदी के आस-पास रहेगी जबकि, पिछले साल इसी तिमाही की आर्थिक वृद्धि दर 6.6 फीसदी रही थी। इस तरह यह पिछली सात तिमाहियों में सबसे कम आर्थिक वृद्धि दर होगी।
भारतीय रिवर्ज बैंक 6 जून को चालू वित्त वर्ष के लिए अपनी दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करने वाला है। यह लोकसभा चुनावों के बाद रिजर्व बैंक की पहली नीतिगत बैठक होगी। इससे पहले 2019 की फरवरी और अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई ने रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की है।
एसबीआई के आर्थिक अनुसंधान विभाग ने इस सप्ताह की शुरुआत में ही अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मार्च तिमाही की जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी पर रह सकती है। साथ ही रिपोर्ट में बताया गया था कि जीवीए ग्रोथ 6 फीसदी या मामूली गिरावट के साथ 6 फीसदी या 5.9 फीसदी रह सकती है। इसके अनुसार 2018-19 की जीडीपी (GDP) ग्रोथ दर 6.9 फीसदी है। रिपोर्ट में यह भी कहा है कि अपेक्षित मंदी के कारण आरबीआई द्वारा अपनी आगामी नीति में 35 से 50 आधार अंकों की बड़ी कटौती की उम्मीद है।
वहीं, कोटक महिंद्रा बैंक के अध्यक्ष (उपभोक्ता बैंकिंग) शांति एकंबरम ने कहा है कि लोकसभा चुनावों में निर्णायक जनादेश आया है जो यह बताता है कि, सरकार का ध्यान अब मजबूत नीतियों की तरफ जाएगा। सरकार की राजकोषीय और मौद्रिक नीतियां विकास को गति देने, खपत को बढ़ावा देने और निजी निवेश को आकर्षित करने की दिशा में रहेंगी। एकंबरम के अनुसार लिक्विडिटी के उपायों के साथ ही दरों में कटौती की भी उम्मीद है। उन्होंने बताया कि, 25 से 50 बीपीएस तक रेट कट हो सकते हैं।
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