जीएसटी पर अभी बहुत कुछ सुलझाना बाकी: अमित मित्रा
वस्तु व सेवा कर से संबंधित तमाम मुद्दे हैं, जिनका समाधान नहीं हो सका है
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। राज्य के वित्त मंत्री तथा वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) पर अधिकार प्राप्त कमेटी के चेयरमैन अमित मित्रा ने कहा कि ‘आदर्श’ जीएसटी तैयार करने के लिए अभी बहुत कुछ सुलझाना बाकी है। जीएसटी से संबंधित तमाम मुद्दे हैं, जिनका समाधान नहीं हो सका है।
मित्रा ने शनिवार को राज्य के विभिन्न वाणिज्य मंडलों और व्यावसायिक संगठनों के साथ बजट पूर्व बैठक की। इसके बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 20 लाख से लेकर 150 लाख के कारोबार में जीएसटी का भुगतान करने वाले 90 फीसद करदाताओं पर राज्य के नियंत्रण का अधिकार देने की मांग की गई है। राज्य के हित में कुछ मुद्दों पर उनकी जीत हुई है। अब भी कारोबार से जुड़े 13 ऐसे क्षेत्र हैं, जिन्हें जीएसटी में शामिल नहीं किया गया है। जिन मुद्दों को सुलझाया नहीं जा सका है, वे उत्पाद का 15 फीसद हिस्सा हैं। इन मुद्दों को सुलझाने के लिए अभी तक कोई बैठक नहीं हुई है।
नोटबंदी से व्यवसाय प्रभावित:
मित्रा ने कहा कि नोटबंदी से राज्य के व्यवसाय और उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। बैठक में सभी व्यवसायियों और उद्योगपतियों ने नोटबंदी से व्यवसाय प्रभावित होने की बात कही। इस फैसले से सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में 1-3 फीसद तक की गिरावट की आशंका जताई जा रही है। जीडीपी में एक फीसद गिरावट का मतलब 1.50 लाख करोड़ रुपये का नुकसान है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नोटबंदी से देश में व्यवसाय और उद्योग को कितना नुकसान हुआ है। पश्चिम बंगाल में नवंबर में राजस्व उगाही की जो वृद्धि दर 11 फीसद थी, वह घटकर शून्य से नीचे 2 फीसद हो गई। दिसंबर में सरकार की आय में 13 फीसद की गिरावट आई। पिछले पांच वषों में राजस्व उगाही 21 हजार करोड़ से बढ़कर 44 हजार करोड़ तक पहुंच गई थी।
उद्योग-व्यवसाय बढ़ाने पर जोर:
बैठक में राज्य में व्यवसाय बढ़ाकर ज्यादा से ज्यादा रोजगार पैदा करने पर जोर दिया गया। मित्रा ने कहा कि व्यवसायियों ने भी सरकार से जीएसटी समेत अन्य कर प्रणाली के सरलीकरण का सुझाव दिया। बैठक में राज्य के 19 वाणिज्य मंडलों के प्रतिनिधि व 8 व्यावसायिक संगठनों के अध्यक्ष उपस्थित थे।