जांच एजेंसियों के डर ने किया पीएसयू का बेड़ा गर्क
सॉफ्टवेयर खरीद के पुराने मामले में एयर इंडिया के खिलाफ सीबीआइ जांच से इसके चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर अश्वनी लोहानी स्तब्ध हैं।
नई दिल्ली। सॉफ्टवेयर खरीद के पुराने मामले में एयर इंडिया के खिलाफ सीबीआइ जांच से इसके चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर अश्वनी लोहानी स्तब्ध हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के खिलाफ खुफिया एजेंसियों की इस तरह की जांचों के डर ने ही सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों का बेड़ा गर्क किया है। सीबीआइ ने वर्ष 2011 में जर्मन कंपनी एसएपी एजी तथा आईटी की दिग्गज आइबीएम से 225 करोड़ रुपये के सॉफ्टवेयर की खरीद में घपले के मद्देनजर एयर इंडिया के अज्ञात अफसरों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
अश्वनी लोहानी ने इस पर ब्लॉग लिखा है। ब्लॉग में उन्होंने कहा है कि इस केस से हमें आघात लगा है क्योंकि कंपनी और मंत्रलय दोनों का मानना है कि यह केवल मात्र प्रक्रियात्मक खामी का मामला है। इसमें जानबूझकर कोई घोटाला नहीं किया गया है। ‘यह ऊपर से जैसा दिखाई देता है वैसा है नहीं। इसके बावजूद इससे कंपनी को नुकसान होना तय है। इसके अलावा पूछताछ के चक्कर में अनेक बेकसूर और ईमानदार अधिकारियों को मानसिक प्रताड़ना ङोलनी पड़ेगी।’
लोहानी के अनुसार, ‘हाल के वर्षो में एयर इंडिया बड़े पैमाने पर अनिर्णय की स्थिति का शिकार रही है। इससे उबरने में उसे काफी समय लगा और बड़ी मुश्किल से वह निर्णय लेने की स्थिति में आ सकी थी। लेकिन अब इस केस से वह फिर वहीं पहुंच जाएगी।’ सतर्कता विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रहार करते हुए लोहानी ने लिखा है, ‘मुङो यह बात आज तक समझ में नहीं आई है कि किसी गैर-कार्यकारी अफसर को कार्यकारी अफसर पर नजर रखने का जिम्मा कैसे सौंपा जा सकता है।