केंद्र सरकार का अतिरिक्त कर्ज लेना सिक्योरिटी मार्केट के लिए नकारात्मक: बोफा एमएल
27 दिसंबर 2017 को सरकार ने फैसला किया था कि वो डेटेड सिक्योरिटी के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज लेगी
नई दिल्ली (पीटीआई)। केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में 50,000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त कर्ज लेने का फैसला सिक्योरिटी मार्केट के लिए एक नकारात्मक संकेत है। ये यील्ड में तो इजाफा करेगा ही लेकिन यह लेंडिग रेट में कटौती के इंतजार को भी और बढ़ा देगा, जो कि इकोनॉमिक ग्रोथ में सुधार के लिए काफी अहम होती है। यह दावा एक रिपोर्ट में किया गया है।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच के एक रिसर्च नोट में कहा गया, “हमारे विचार से सरकार की ओर से 500 बिलियन डॉलर (जीडीपी का लगभग 0.3 फीसद) का अतिरिक्त कर्ज लेने का फैसला पहले से ही दबाव में चल रहे सरकारी प्रतिभूति बाजार के लिए नकारात्मक संकेत है।” इसमें आगे कहा गया कि बैंक पुनर्पूंजीकरण के बावजूद सरकारी प्रतिभूतियों में बिक्री करने का फैसला लेंडिंग रेट में कटौती के इंतजार को बढ़ा देगा और सुधार को और पीछे ढकेल देगा।
आपको बता दें कि 27 दिसंबर 2017 को सरकार ने फैसला किया था कि वो डेटेड सिक्योरिटी के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज लेगी। डेटेड सिक्योरिटी की मैच्योरिटी अवधि 5 साल की होती है। वैश्विक ब्रोकरेज को उम्मीद है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली जीडीपी के 3.2 फीसद के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बनाए रखेंगे, जैसा कि उन्होंने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए किया था, जिसमें 4,92,000 करोड़ रुपये की शुद्ध उधारी भी शामिल है।
इस रिपोर्ट में कहा गया, “हालांकि, हमने वित्त वर्ष 2017-18 के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य में किसी भी तरह की बाधा की उम्मीद नहीं की थी। हम इस संबंध में स्पष्टता का इंतजार करेंगे कि क्या यह अतिरिक्त उधार राजस्व में और कमी लाने के लिए होगा या फिर यह वित्त वर्ष 2018 के लिए जीडीपी के 3.2 फीसद के वित्तीय घाटे के लक्ष्य में फंड छूट देने के लिए होगा।”