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SBI के करीब 20 फीसद देनदारों ने ही चुना Loan EMI के भुगतान पर रोक का विकल्प: रजनीश कुमार

कुमार ने देनदारों को सलाह दी कि अगर वे नकदी की समस्या का सामना नहीं कर रहे हैं तो उन्हें अपने Loan EMI का भुगतान करना चाहिए।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 07:52 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 08:06 AM (IST)
SBI के करीब 20 फीसद देनदारों ने ही चुना Loan EMI के भुगतान पर रोक का विकल्प: रजनीश कुमार

नई दिल्ली, पीटीआइ। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के करीब 20 फीसद देनदारों ने ही लोन की ईएमआई के भुगतान पर रोक की सुविधा को चुना है। एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है। बीती 27 मार्च को भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक मार्च 2020 से 31 मई 2020 के बीच के सभी टर्म लोन्स की ईएमआई के भुगतान पर तीन महीने की रोक की सुविधा दी थी। रिज़र्व बैंक ने शुक्रवार को बैंकों और दूसरे कर्जदाताओं को एक जून 2020 से 31 अगस्त 2020 तक और तीन महीने ग्राहकों को ईएमआई के भुगतान पर रोक की सुविधा देने की अनुमति दी है।

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एसबीआई चेयरमैन ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में रिपोर्टर्स को बताया, 'भारतीय स्टेट बैंक के मामले में मोरैटोरियम की सुविधा लेने वाले देनदारों का प्रतिशत बहुत कम है। यह करीब 20 फीसद है।' उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने मोरैटोरियम के विकल्प को चुना है वे सभी ही लिक्विडिटी की समस्या का सामना नहीं कर रहे हैं। कुमार ने कहा, 'इनमें से कई लोग अपनी ईएमआई को चुका सकते थे, लेकिन रणनीति के तहत वे नकदी को अपने पास रखना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने मोरैटोरियम को चुना।'

कुमार ने देनदारों को सलाह दी कि अगर वे नकदी की समस्या का सामना नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें अपने लोन की ईएमआई का भुगतान करना चाहिए। कुमार ने कहा, 'अगर लोग ईएमआई के भुगतान में सक्षम हैं, तो उन्हें यह जरूर करना चाहिए। अगर वे ईएमआई का भुगतान नहीं कर सकते तब ही उन्हें मोरैटोरियम की सुविधा का लाभ लेना चाहिए।'

कुमार के अनुसार, आरबीआई की मोरैटोरियम सुविधा देनदारों के नकद के प्रवाह को बरकरार रखने के लिए है। उन्होंने कहा, 'फिलहाल मोरैटोरियम नकद प्रवाह में बाधाओं से बचाए रखेगा। मैं इस समय वन टाइम रीस्ट्रक्चरिंग के लिए जुनूनी नहीं हूं, जबकि हमारे पास 31 अगस्त तक का समय है।' गौरतलब है कि बैंकों और एनबीएफसीज ने आरबीआई से उन्हें फंडिंग इश्यू से जूझ रहे देनदारों के अकाउंट की वन टाइम रीस्ट्रक्चरिंग की अनुमति देने की मांग की है। 


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