मनरेगा के लिए जरूरी हुआ आधार कार्ड, 31 मार्च 2017 तक कराना होगा नामांकन
एक अप्रैल से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत कार्य में आधार अनिवार्य होगा
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। एक अप्रैल से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत कार्य में आधार अनिवार्य होगा। मनरेगा में एक परिवार के लिए साल में 100 दिनों का कार्य अनिवार्य किया गया है।
कैबिनेट सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, मनरेगा के तहत पंजीकृत लोगों को प्रमाण के तौर पर आधार नंबर दिखाना होगा। अगर यह नहीं है तो 31 मार्च 2017 तक उन्हें आधार के लिए नामांकन कराने का प्रमाण देना होगा। आधार कार्ड मिलने तक राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आइडी, फोटोयुक्त किसान पासबुक, मनरेगा के तहत जारी जॉब कार्ड और राजपत्रित अधिकारी या तहसीलदार द्वारा जारी प्रमाण पत्र दिखाने पर योजना के तहत लाभ लिया जा सकेगा। लेकिन आधार के लिए आवेदन देने वालों को नामांकन पर्ची या आवेदन की फोटोकॉपी दिखाना होगा। अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार आधार नामांकन दर्ज कराना अनिवार्य करने के लिए जम्मू-कश्मीर और कुछ अन्य रायों को जरूरी आदेश जारी करने जा रही है। सरकार ने इसके लिए आधार लाभ कानून 2016 की धारा 7 को लागू किया है। इस धारा के तहत भारत की संचित निधि (सीएफआई) से सरकार से मिलने वाली सब्सिडी, लाभ या सेवा के लिए व्यक्ति को पहचान या आधार नंबर का प्रमाण देना होगा।
आधार से जुड़े डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना की निगरानी करने वाले एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मनरेगा कार्य में सरकारी सहायता की लीकेज पर रोक लगाने के लिए आधार को अनिवार्य बनाया गया है। एक जनवरी 2013 को आठ मंत्रलयों की 24 चुनिंदा योजनाओं में लीकेज पर नियंत्रण के लिए डीबीटी कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी।