7th Pay Panel के सुझावों के कारण बिगड़ा रेलवे का वित्तीय स्वास्थ्य: रेल मंत्री पीयूष गोयल
7th pay panel recommendations को लागू करने के बाद रेल कर्मियों के वेतन और पेंशन के मद में अतिरिक्त 22000 करोड़ रुपये का खर्च बढ़ा है पीयूष गोयल
नई दिल्ली, आइएएनएस। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद रेल कर्मियों के वेतन और पेंशन के मद में अतिरिक्त 22,000 करोड़ रुपये का खर्च बढ़ा है। इसकी वजह से भारतीय रेल की वित्तीय सेहत प्रभावित हुई है। हाल ही में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि भारतीय रेल की परिचाल लागत पिछले 10 वर्षों में सबसे खराब रह सकती है।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान परिचालन घाटे से जुड़े एक सवाल के जवाब में गोयल ने कहा, 'सातवां वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद रेलवे कर्मचारियों के वेतन और पेंशन के मद में 22,000 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त खर्च करना पड़ा है। कुल मिलाकर जो परिचालन घाटा हुआ है उसमें इसका बड़ा योगदान है।'
गोयल ने कहा कि रेलवे ने साफ-सफाई, उपनगरीय ट्रेन के परिचालन, गेज कन्वर्जन और ऐसे ही अन्य मदों काफी पैसे खर्च किए हैं। उन्होंने कहा, 'इन सब का असर रेलवे पर पड़ा है। जब हम पूरी तस्वीर देखते हैं तो सातवां वेतन आयोग लागू होने और सामाजिक हित में ट्रेन चलाने से सिर्फ एक साल में परिचालन अनुपात 15 फीसद कम हुआ है।'
संसद में पेश किए गए CAG की एक रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे की परिचालन लागत लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसका परिचालन अनुपात 2017-18 में बढ़कर 10 साल के उच्च स्तर 98.44 फीसद पर पहुंच गया। इसका अर्थ है कि रेलवे को 100 रुपये की कमाई के लिए 98.44 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। CAG की रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे का परिचालन अनुपात 2015-16 में 90.49 फीसद और 2016-17 में 96.5 फीसद रहा था।