5G in India: जानिए दूरसंचार विभाग कब करेगा स्पेक्ट्रम का ऑक्शन
अधिकारी ने बताया इस माह के तीसरे सप्ताह में होने वाली बैठक में स्पेक्ट्रम की नीलामी और स्पेक्ट्रम की कीमत सबसे महत्वपूर्ण विषय रहने वाले हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। दुनिया के विभिन्न देशों में 5जी सर्विसेज को लांच करने को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। भारत भी दुनिया के तमाम देशों के साथ ही 5जी सर्विसेज को लांच करने की प्रतिबद्धता कई मौकों पर दोहरा चुका है। यही वजह है कि दूरसंचार विभाग तमाम व्यस्तताओं के बावजूद इस साल दिसंबर तक हर हाल में स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।
इससे संबंधित एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआइ को बताया कि डिजिटल कम्युनिकेशन कमीशन (डीसीसी) की अगले सप्ताह बैठक होनी है। दूरसंचार विभाग में निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था की बैठक में स्पेक्ट्रम की कीमतों को लेकर अंतिम फैसला किया जाएगा। इस बात का अनुमान है कि समिति ट्राई द्वारा स्पेक्ट्रम के बेस प्राइस को लेकर की गयी सिफारिश के आधार पर ही नीलामी प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।
अधिकारी ने बताया, ''इस माह के तीसरे सप्ताह में होने वाली बैठक में स्पेक्ट्रम की नीलामी और स्पेक्ट्रम की कीमत सबसे महत्वपूर्ण विषय रहने वाले हैं।''
डीसीसी विभिन्न स्पेक्ट्रम बैंड के लिए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) की ओर से की गयी बेस प्राइस से जुड़ी सिफारिश पर ही आगे बढ़ सकता है। विभाग को लगता है कि रेडियोवेब की कीमतों को लेकर इंडस्ट्री की ओर से चिंता जताए जाने के बावजूद विभिन्न बैंड को लेकर डिमांड आएगी। इंडस्ट्री कई मौकों पर ट्राई के सिफारिश वाले बेस प्राइस को बहुत अधिक बता चुका है और आगाह किया है कि कोई भी इतनी अधिक कीमतों पर रेडियोवेब को नहीं खरीदना चाहेगा।
अधिकारी ने कहा कि संभव है कि किसी खास बैंड को खरीदने में कोई इंटरेस्ट ना दिखाए लेकिन विभाग को यह नहीं लगता कि किसी भी बैंड की मांग नहीं होगी। वह इस बात को लेकर आश्वस्त दिखे कि नीलामी प्रक्रिया 31 दिसंबर, 2019 तक पूरी कर ली जाएगी।
टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने इस साल जुलाई में स्पेक्ट्रम के मूल्यांकन और बेस प्राइस से जुड़ी अपनी सिफारिशों को बनाये रखने का फैसला किया था। इससे वित्तीय दबाव झेल रही भारती एयरटेल जैसी कंपनियों की उम्मीदों का झटका लगा था क्योंकि वे बेस प्राइस में कमी चाह रहे थे। ट्राई ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट से कहा था कि उसने सभी संबंधित पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बेस प्राइस निर्धारित की है।