कंपनियों को राज्यों के भीतर अपनी शाखाओं को दी जाने वाली सेवाओं पर देना होगा 18 फीसद जीएसटी: AAR
विशेषज्ञों के मुताबिक इस नियम का संबंध उन कंपनियों से है जिनके कई राज्यों में ऑफिसेज हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अकाउंटिंग और मानव संसाधन (एचआर) जैसी सेवाएं जो कि कंपनी के मुख्यालयों से अन्य राज्यों की कंपनी शाखाओं को उपलब्ध करवाई जाएंगी उस पर अब 18 फीसद का जीएसटी लगाया जाएगा।
अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (एएआर) की कर्नाटक बेंच के वर्तमान आदेश के मुताबिक दो ऑफिसेज के बीच जो भी गतिविधियां होती हैं उन्हें जीएसटी नियमों के मुताबिक आपूर्ति माना जाता है। इसमें कहा गया कि आपूर्ति के मूल्यांकन में सभी तरह की लागत को शामिल किया जाएगा जिसमें एक जिले की शाखा की ओर से दूसरे जिले की शाखा को उपलब्ध करवाई जाने वाली कर्मचारी लागत भी शामिल है।
एएआर ने बताया, “रोजगार के संबंध में एक कारपोरेट ऑफिस में एक कर्मचारी की ओर से की जाने वाली गतिविधियां जैसे कि अकाउंटिंग, अन्य प्रशासनिक एवं अन्य राज्यों में स्थित ऑफिसेज के आईटी सिस्टम का रखरखाव करने के साथ साथ केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 (सीजीएसटी अधिनियम) की धारा 25 (4) के अनुसार विशिष्ट व्यक्तियों को सीजीएसटी अधिनियम की अनुसूची 1 के प्रवेश 2 के अनुसार आपूर्ति के रूप में माना जाएगा।”
विशेषज्ञों के मुताबिक इस नियम का संबंध उन कंपनियों से है जिनके कई राज्यों में ऑफिसेज हैं, को हेड ऑफिस में कर्मचारियों की ओर से किए गए कार्यों के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) चालान वहन करना होगा जिसने अन्य राज्यों में कंपी की ही शाखाओं की मदद की है। हालांकि ऐसी आपूर्ति पर लगाए गए जीएसटी पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का क्लेम किया जा सकता है, वहीं जो कंपनियां जीएसटी के दायरे से बाहर हैं वो क्रेडिट को क्लेम नहीं कर पाएंगी।