SBI खाताधारक कृपया ध्यान दें, आपके बैंक में हो चुके हैं ये तीन बड़े बदलाव
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में तीन बड़े बदलाव 1 अप्रैल 2018 से ही प्रभावी हो चुके हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में भी कुछ बड़े बदलाव लागू हो चुके हैं। ये बदलाव आम आदमी से सरोकार रखने वाले हैं और इससे सीधे तौर पर 25 करोड़ बैंक खाताधारक प्रभावित होंगे। अगर आपको इन बदलावों के बारे में जानकारी नहीं है तो हमारी यह खबर आपके काम ही है। हम अपनी इस खबर में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) में हुए तीन बदलावों के बारे में जानकारी देने रहे हैं।
एसबीआई के मिनिमम बैलेंस वाले नियम में हुआ बदलाव: हाल ही में एसबीआई ने खाते में मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगने वाले चार्जेज में 75 फीसद की कटौती की थी। इस नियम को 1 अप्रैल से लागू होना था। जैसा कि 1 अप्रैल को बैंक की क्लोजिंग थी लिहाजा ये नियम आम जनता के लिए 2 अप्रैल से प्रभावी हो चुके हैं। फैसले के बाद अब मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में खाते में मंथली एवरेज बैलेंस (एएमबी) न रखने पर 50 के बजाए 15 रुपए प्रतिमाह का चार्ज देना होगा। उसी तरह अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में यह चार्ज 40 से घटाकर 12 रुपए प्रति माह कर दिया गया है। वहीं 10 रुपए का जीएसटी भी एक निश्चित स्थिति में लागू होगा। आपको बता दें कि खाते में एवरेज बैलेंस (एएमबी) न रखने पर शुल्क लगाए जाने के एसबीआई के फैसले का तीखा विरोध हुआ था।
अमान्य हो गए एसबीआई की सहयोगी शाखाओं के चेकबुक: जैसा कि आपको मालूम है कि एसबीआई में उसके तमाम सहयोगी बैंकों का विलय हो चुका है, लिहाजा इन पुराने बैंको की चेक बुक को एसबीआई की शाखा में 31 मार्च तक बदला जाना था। यानी से सभी चेक बुक जो कि बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद , स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और भारतीय महिला बैंक की थीं अब अमान्य हो चुकी हैं। अब आप इनका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
एसबीआई में शुरू होगी इलेक्टोरल बॉण्ड की बिक्री: चुनावी चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साल 2017-18 के आम बजट में चुनावी बॉण्ड की स्कीम लाने की घोषणा की थी। इसके मुताबिक केवल वही पंजीकृत राजनीतिक दल इन बॉण्डों के जरिए चंदा ले पाएंगे जिन्हें पिछले लोकसभा अथवा विधानसभा चुनाव में एक फीसद से अधिक मत प्राप्त होंगे। राजनीतिक पार्टियां इन बॉण्डों को केवल अधिकृत बैंक खातों के जरिए ही भुना पाएंगी। लोग राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए इन्हें व्यक्तिगत अथवा समूह के तौर पर भी खरीद सकेंगे। एसबीआई ने इनकी बिक्री 1 अप्रैल से शुरू हो चुकी है।