चाहते हैं सस्ता पर्सनल लोन, तो यह है आसान तरीका
लाइफ की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोगों को अक्सर लोन की जरूरत पड़ती है। यह जरूरत बीमारी के इलाज या घर की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी हो सकती है
नई दिल्ली। लाइफ की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोगों को अक्सर लोन की जरूरत पड़ती है। यह जरूरत बीमारी के इलाज या घर की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी हो सकती है। इसके लिए मोर्गेज लोन एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। इसके तहत आप अपने पास रखी कोई बहुमूल्य वस्तु जैसे गोल्ड, बैंक एफडी, इंश्योरेंस पॉलिसी आदि के बदले लोन ले सकते हैं। आपको बता दें कि यह सिक्योर्ड लोन की श्रेणी में आता है, जिस वजह से इनकी ब्याज दरें भी पर्सनल लोन की तुलना में कम होती हैं। जागरण डॉट कॉम की टीम आज यही बताने जा रही है कि किस तरह आप सस्ता पर्सनल लोन प्राप्त कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें- होम लोन दूसरे बैंक में ट्रांस्फर करने से पहले रखें इन बातों का ध्यान
गोल्ड के बदले पर्सनल लोन
मार्केट रेट से कम ब्याज पर गोल्ड के बदले पर्सनल लोन लिया जा सकता है। गोल्ड लोन एक तरह से सिक्योर्ड लोन है। इसमें सोने या सोने से बने आभूषण को जमानत के रूप में रखा जाता है जिसके एवज में सस्ता लोन दिया जाता है। इसमें कागजी कार्यवाही बहुत कम होती है। ज्यादातर बैंक मुथूट फाइनेंस, मणप्पुरम जैसी गोल्ड लोन कंपनियों के अलावा भी गोल्ड लोन ऑफर करती हैं।
गोल्ड लोन की ब्याज दर लोन टु वैल्यू (एलटीवी) अनुपात पर निर्भर करता है। मसलन, कम ब्याज दर का फायदा उस स्थिति में मिलता है जब आप जमानत पर रखे गए सोने के बाजार मूल्य के कम हिस्से के बराबर लोन लेना मंजूर करते हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट के बदले लें कर्ज
पर्सनल लोन से सस्ता कर्ज प्राप्त करने के लिए बैंक या पोस्ट ऑफिस एफडी काफी मददगार होती है। सोने के बाद फिक्स्ड डिपॉजिट सबसे जल्दी और आसानी से लोन उपलब्ध कराता है। इसके लिए आपका फिक्स्ड डिपॉजिट कम से कम एक साल का होना जरूरी है। आम तौर पर इसकी ब्याज दरें फिक्स्ड डिपॉजिट की जमा दरों की तुलना में एक से दो फीसदी तक ज्यादा होती हैं। इसकी प्रोसेसिंग की समय सीमा बैंकों पर निर्भर करती है, लेकिन अधिकांश मामलों में दो से तीन दिनों के भीतर इसकी प्रोसेसिंग हो जाती है। ब्याज की गणना कर्ज राशि पर की जाती है। सामान्य तौर पर फिक्स्ड डिपॉजिट की कुल राशि के 80 फीसदी तक का कर्ज मिल सकता है। आप को बता दें कि इसका भुगतान एफडी की अवधि के दौरान ही करना होता है।
बीमा पॉलिसी के बदले लोन
पॉलिस पेपर मौजूदा समय की जरूरतों के लिए सस्ता कर्ज भी दिलवा सकते हैं। एंडोमेंट पॉलिसी के बदले मिलने वाला कर्ज सिक्योर्ड लोन की कैटेगरी में आता है और इसी वजह से इसकी ब्याज दरें पर्सनल लोन के मुकाबले कम होती है और बेस रेट से करीब तीन फीसदी ज्यादा होती हैं। एंडोमेंट पॉलिसि के बदले मिलने वाली कर्ज की राशि पॉलिसी के सरेंडर वैल्यू पर निर्भर करती है। साथ ही पॉलिसी को बैंक के नाम असाइन करना होता है। यदि कर्ज लेने वाला व्यक्ति ऋण का भुगतान समयानुसार कर देता है तो बैंक वापस उस व्यक्ति के नाम पॉलिसी को री-असाइन कर देता है। अगर बकाया राशि और ब्याज सरेंडर वैल्यू के बराबर हो जाती है तो पॉलिसी फोरक्लोज कर दी जाती है।
शेयर, म्युचुअल फंड्स के बदले कर्ज
अपने निवेश की राशि को बढ़ाने के लिए सबसे बेहतर उपाय शेयर मार्केट है। शेयर्स या म्युचुअल फंड में निवेश करने से बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन यही शेयर जरूरत पड़ने पर कर्ज भी दिलवा सकते हैं। इसके लिए डॉक्यूमेंट्स के तौर पर पहचान पत्र, हस्ताक्षर, पते का प्रमाण, ट्रांसफर डीड, डीमैट प्लेज फॉर्म आदि की जरूरत होती है। इसकी ब्याज दरें पर्सनल लोन से कम होती हैं। आम तौर पर यह 10-12 फीसदी के बीच होती हैं। सभी शेयर्स या म्युचुअल फंड्स के बदले कर्ज नहीं मिल सकता। इक्विटी लिंक्ड सेंविंग स्कीम (ईएलएसएस), जिसकी तीन वर्ष की लॉक इन अवधि होती है, के बदले कर्ज नहीं मिलता है। जहां तक कर्ज की बात है तो शेयर्स या म्युचुअल फंड्स के यूनिट्स के मौजूदा मूल्य के 50-60 फीसदी तक का कर्ज मिल जाता है।
लोन लेते समय रखें इन बातों का ख्याल
उधार चुकाने का समय कब तक है यह बात जरूर जान लें। हाउसिंग लोन और कार लोन लंबे समय के लोन होते हैं। लेकिन आप को बता दें कि जब इंश्योेरेंस, गोल्ड, एफडी के बदले लोन मिलता है तो इसकी अवधि कुछ महीनों से शुरू होकर एक से तीन साल तक ही होती है। इस बात का भी ध्यान रखें कि आपकी ओर से गिरवी रखी गई वस्तु के बदले बैंक 80-85 फीसदी ही लोन के रूप में देते हैं। हालांकि कई प्राइवेट संस्थाआएं 100 फीसदी लोन भी देने को तैयार हो जाती हैं।