होम लोन लेने से पहले जरूर जान लें ये बातें बाद में नही होगी कोई परेशानी
बैंक से होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं तो इन बातों का विशेष ध्यान रखें
नई दिल्ली (जेएनएन)। आमतौर पर लोग अपना घर लेने के लिए होम लोन का सहारा लेते हैं। ये बाजार में तमाम बैंकों में से किसी एक को चुनकर होम लोन की अर्जी दाखिल कर देते हैं, लेकिन अक्सर लोग कम जानकारी के चलते होम लोन की प्रक्रिया के दौरान बैंक से कुछ जरूरी सवाल पूछना भूल जाते हैं। यही भूल उनको बाद में भारी पड़ती है। हम अपनी इस खबर में आपको बताएंगे कि होम लोन लेने के दौरान आपको किन किन बातों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है।
करें सही होमलोन का चुनाव:
होमलोन की बढ़ती मांग को देखते हुए बैंक कई तरह के प्रोडक्ट ग्राहकों के लिए पेश करते हैं। बैंक तैयार प्रॉपर्टी, निर्माणधीन प्रॉपर्टी, सेल्प कंस्ट्रक्शन, प्लॉट खरीदने, घर की मरम्मत और विस्तार के लिए लोन मुहैया कराते हैं। सभी तरह के लोन के नियम व शर्तें अलग-अलग होती हैं। जानकारी के लिए बता दें कि अगर आप पहली बार होम लोन ले रहे हैं तो पूरी प्रक्रिया व शर्तों को ध्यान से पढ़ ले। इसके अतिरिक्त बैंक मौजूदा प्रॉपर्टी के एवज में भी लोन उपलब्ध कराता है। इसलिए इसकी जानकारी लेना भी याद रखें।
आपके बजट के अनुरूप हो ईएमआई
ईएमआई वह पैसा होता है जो आप प्रत्येक महीने अपने लोन को चुकता करने के लिए अदा करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ईएमआई कुल मासिक आय के 40 से 45 फीसद से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। वहीं, होम लोन पर प्रीपेमेंट का भी विकल्प होता है। साथ ही इसपर कोई भी प्रीपेमेंट शुल्क नहीं लगता है। यदि आने वाले समय में आपकी आय बढ़ने वाली है तो इस विकल्प के चयन से आप अपनी ईएमआई समय से पहले चुका सकते हैं।
विभिन्न बैंकों की ब्याज दरों का करें मूल्यांकन
बैंक तीन तरह के इंटरेस्ट प्लान ऑफर करता है। यह तीन प्लान फिक्स्ड इंटरेस्ट, फ्लोटिंग इंटरेस्ट और फ्लेक्सी इंटरेस्ट प्लान होते हैं।
क्या होता फिक्स्ड होम लोन प्लान:
फिक्स्ड होम लोन प्लान में बैंक फिक्स्ड इंटरेस्ट चार्ज करते हैं। मसलन आपको बैंक से एक तय रेट पर होम लोन मिलता है। यदि किसी कारण से मार्केट में उतार-चढ़ाव या आरबीआई की ओर से रेपो रेट में कटौती के चलते इंटरेस्ट रेट में बदलाव आता भी है तो बैंक दिए हुए इंटरेस्ट में कोई बदलाव नहीं करता। इससे आपके लोन की ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होता।
क्या होता है फ्लोटिंग होम लोन प्लान:
फ्लोटिंग होम लोन प्लान में ब्याज बैंक के बेस रेट से लिंक्ड होता है। इस कारण बेस रेट में बदलाव होने से ब्याज दर घट या बढ़ जाती है। फ्लोटिंग होम लोन प्लान में रेट ऑफ इंटरेस्ट फिक्स्ड होम प्लान की तुलना में कम होता है। इस वजह से आपकी ईएमआई फिक्स्ड रेट प्लान के मुकाबले कम होती है।
क्या होता है फ्लेक्सी होम लोन प्लान:
फ्लेक्सी होम लोन प्लान फ्लोटिंग और फिक्स्ड प्लान का मिला जुला रूप है। इस प्लान को हाइब्रिड होम लोन प्लान भी कहा जाता है। इसमें सबसे खास बात यह है कि ग्राहक अपनी जरूरत अनुसार लोन अवधि के बीच में अपना प्लान फिक्स्ड या फ्लोटिंग में बदलवा सकता है। इस प्लान के तहत लोन लेने पर कुछ वर्षों तक तक इंटरेस्ट फिक्स्ड रेट से लगाया जाता है, जिसके बाद यह फ्लोटिंग हो जाता है।
बैंक के चार्जेस और पेनल्टी की जानकारी रखें
सामान्य तौर पर प्रोसेसिंग फीस (कुछ मामलों में कानूनी वैरिफिकेशन चार्ज, होम लोन राशि पर स्टांप ड्यूटी और स्विंचिंग चार्ज यदि ईएमआई बदलते हैं या लोन को किसी और बैंक या एनबीएफसी में ट्रांस्फर करते हैं) में इन सब के अलावा कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है। हालांकि रिपेमेंट करने से चूकने पर कुछ पेनल्टी लग सकती है और कुछ में अतिरिक्त इंटरेस्ट भी लगता है। वित्तीय संस्थान की ओर से लगाए जाने वाले सभी शुल्क के बारे में पता रखें।
प्रॉपर्टी क्लियरेंस के बारे में जाने
आप जिस भी प्रॉपर्टी को खरीदने का मन बना रहे हैं उसके लिए हर बैंक या एनबीएफसी को कानूनी और तकनीकी क्लियरेंस की जरूरत होती है। ये बैंकों के साथ-साथ आपके लिए भी आवश्यक है। इसलिए उधारकर्ता को इन सब क्लियरेंस के बारे में पता कर लेना चाहिए।