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मोदी सरकार के चार साल पर बोले वित्त मंत्री, इन मोर्चों पर भारत को मिली आर्थिक तरक्की

जेटली ने कहा कि इतिहास में पहली बार दुनिया के सबसे बड़े वित्तीय समावेशन प्रोग्राम के तहत गरीब और समाज के हाशिये वाले वर्ग के लोगों के बैंक खाते खोले गए

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 12:32 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 12:32 PM (IST)

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। एनडीए सरकार के चार साल पूरे होने पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने एक पोस्ट के जरिए अपना नजरिया पेश किया है। अरुण जेटली किडनी ट्रांसप्लांट के बाद फिलहाल स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इस पोस्ट में उन्होंने अलग अलग मोर्चों पर एनडीए सरकार के कामों और बदलावों का जिक्र किया है। अरुण जेटली ने इस संबंध में यह पोस्ट अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट साझा की है।

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बदलाव: यूपीए सरकार के बीते 10 वर्षों के शासन को निर्विवाद रुप से आजादी के बाद की सबसे भ्रष्टतम सरकार के रुप में देखा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधायी और संस्थागत परिवर्तनों के माध्यम से पारदर्शी प्रणालियों का निर्माण किया जिसके कारण देश भको घोटालों से मुक्त सरकार मिली। यूपीए सरकार के विपरीत हमारे प्रधानमंत्री पार्टी और देश दोनों के नेता हैं। हमने सरकार की अनिश्चितता भरी स्थिति से स्पष्टता एवं निर्णय लेने की क्षमता की स्थिति तक पहुंचने की यात्रा को देखा है। वैश्विक आर्थिक परिदृश्यों में भारत “नाजुक पांच” से “उज्ज्वल पांच” में परिवर्तित हुआ है। नीतिगत अपंगता की स्थिति अब निर्णय लेने और उसके कार्यान्वयन में बदल चुकी है।  

भ्रष्टाचार मुक्त सरकार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रणाली को संस्थागत बनाया है जहां विवेकाधिकार समाप्त हो गए हैं। विवेकाधिकार शक्ति के दुरुपयोग का कारण बनता है क्योंकि उसका दुरुपयोग किया जा सकता है। अनुबंध, प्राकृतिक संसाधन, स्पेक्ट्रम और अन्य सरकारी आवंटन, जिसे विवेकाधिकार के तहत वितरित किया जाता था उसे अब बाजार तंत्र के माध्यम से आवंटित किया जा रहा है। पर्यावरण मंजूरी के लिए अब फाइलों का ढेर नहीं लगता है और एफआईपीबी को खत्म् कर दिया गया है। अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करनने की दिशा में अब भारत नॉन कंप्लाइंट वाले समाज से टैक्स कंप्लाइंट वाले समाज में बदल चुका है।

सामाजिक क्षेत्र सरकार की प्राथमिकता में: इतिहास में पहली बार दुनिया के सबसे बड़े वित्तीय समावेशन प्रोग्राम के तहत गरीब और समाज के हाशिये वाले वर्ग के लोगों के बैंक खाते खोले गए। कमजोर और वंचित लोगों के लिए मुद्रा योजना के तहत लोन लेने की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। इसके सबसे बड़े लाभार्थियों में महिलाएं, एससी/ एसटी, अल्पसंख्यक और समाज का कमजोर वर्ग है। भारी खर्चों के साथ ग्रामीण सड़कों का निर्माण एक सफल कहानी है। सरकार का इरादा है कि हर गांव तक सड़क की पहुंच, बिजली की उपलब्धता, किफायती आवास की सुविधा, टॉयलेट और सभी घरों को गैस कनेक्शन देना है। वहीं स्वास्थ्य के मोर्चे पर भी सरकार ने तस्वीर बदलने का काम किया है।  

आर्थिक प्रबंधन: यूपीए सरकार के कार्यकाल में भारत वैश्विक रडार से गायब हो गया था। शुरुआती सालों में जब दुनिया की अर्थव्यवस्था तेजी की ओर से भारत की रफ्तार निचले स्तर पर थी। जब वैश्विक स्थितियां चुनौती पूर्ण हो गईं तो यूपीए सरकार की निर्णायक क्षमता और प्रदर्शन खत्म हो गया। यूपीए सरकार के आखिरी दो सालों के कार्यकाल में विकास दर में काफी कमी आई है। वहीं एनडीए शासन के पहले स ल में भारत तेजी के बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया, जिसकी जीडीपी ग्रोथ रेट उच्चतम थी।


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