विवाहिता की संदिग्ध स्थिति में मौत
मझौलिया थाना क्षेत्र के सरिसवा पंचायत के बनकट मुसहरी गांव में शुक्रवार की रात एक विवाहिता की संदिग्ध स्थिति में मौत का मामला प्रकाश में आया है।
बेतिया। मझौलिया थाना क्षेत्र के सरिसवा पंचायत के बनकट मुसहरी गांव में शुक्रवार की रात एक विवाहिता की संदिग्ध स्थिति में मौत का मामला प्रकाश में आया है। इस बाबत बताया जाता है कि बनकट मुसहरी गांव के झगरू साह के पुत्र मनु साह की पत्नी ¨चता देवी एवं उसके पति से करीब एक वर्ष से पैसे के लेनदेन को मामले को लेकर तनातनी चल रही थी। जिसको लेकर कई बार पंचायती का दौर चला, ¨चता देवी नैहर भी गई। वहां भी पंचायती हुई। पंचायती उपरांत ससुराल पहुंची पर झगड़ा बढ़ता गया। यहां पर भी पंचायती का दौर चला। वह चाहती थी कि उसके पति जो पंजाब में सिलाई का काम करते है। वह पूरा पैसा उसके खाते में भेज दें। जबकि उसका पति मनु चाहता था कि मैं कमा रहा हूं। तुम पैसे से पहले घर बनाओ। उसके बाद ही कुछ होगा। वही उसकी पत्नी ¨चता देवी ससुर और भाई से अलग रहकर पैसे पर जबरन अपना हक जमाना चाहती थी। जिसको लेकर सास-ससुर पति से हमेशा परिवार में कलह व झगड़ा आए दिन होते रहता था। उसी क्रम में शुक्रवार के दिन पति से झगड़ा होने के बाद पति सरिसवा बाजार में सब्जी लाने चला गया। उसी क्रम में ¨चता देवी गले में फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। यह मामला आग की तरह पूरे गांव में फैल गया। परिवार के सदस्यों ने मुकदमे में फंसने के डर से आनन-फानन में शव को जला डाला। ¨चता देवी के बैरिया थाना के मलाही टोला गांव के रहने वाले उसके मैके के लोग को इसकी भनक मिली। वे थाना पहुंचे। स्थानीय मुखिया सोहन साह, पूर्व मुखिया नर्मदेश्वर पांडेय, वार्ड सदस्य सहित अन्य के सहयोग से रात भर पंचायती का दौर चला, लेकिन पंचायती का नतीजा नहीं निकला। शव को देखने को लेकर ¨चता के परिजन डटे रहे। वहीं, जला देने के कारण लड़का पक्ष शव को नहीं देख पाया, जिससे पंचायती का दौर समाप्त हो गया। इसकी भनक मझौलिया पुलिस को मिली। जो देर रात आरबी यादव के नेतृत्व में पुलिस पहुंच कर शव की तलाश में बनकट मुशहरी गांव में छापेमारी करती रही। शव नहीं मिल पाया। फिर शनिवार की सुबह दरोगा राम अयोध्या ¨सह के नेतृत्व में भी मझौलिया पुलिस बनकट मुसहरी गांव पहुंचकर शव की खोज करती रही। वही मृतका के घर को भी खंगाला। गले में फंदा लगाकर आत्महत्या की है या मारा गया है इसकी तहकीकात में जुट गई है। वहीं थानाध्यक्ष रणधीर कुमार ने बताया कि अभी तक इस मामले में थाने में आवेदन नहीं मिल पाया है। जल्दी पीड़ित परिवार थाने को आवेदन सौंपेंगे इसकी सूचना मिली है। आवेदन मिलने के उपरांत प्राथमिकी दर्ज कि जाएगी। चिन्ता देवी की शादी चार वर्ष पूर्व हिन्दू रीति रिवाज से झगरू के पुत्र मनु साह से हुई थी। झगरू के पुत्र मनु तीन भाइयो में सबसे बड़ा था। वह पंजाब में रहकर सिलाई का कार्य करता था। मां-बाप, भाई व पत्नी की परवरिश अपनी कमाई के बल पर करता था। पत्नी चिन्ता को यह बात नागवार लगी। वह मनु की कमाई के पैसे पर अपना हक जमाना चाहती थी। जो मनु नहीं चाहता था। मनु अपनी कमाई से सभी घर के सदस्यों को लेकर चलना चाहता था। इस पर चिन्ता अपने पति को भाई, मां, बाप से अलग होने के लिए दबाव देते रहती थी। जो मनु नहीं मान रहा था। इस बात का कलह इतना बढ़ गया कि चिन्ता ने अपनी जीवनलीला ही समाप्त कर ली। इस बात को लेकर ससुराल से लेकर बनकट तक कई बार पंचायती चली पर मनु व चिन्ता अपनी अपनी जिद्द पर डटे रहे। जिससे बात नहीं बनी। चिन्ता ने अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर ली।