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एक लड़ाई जाति और धर्म की राजनीति करने वालों से भी हो

गुलाम भारत की बेबसी और आजादी के जश्न का गवाह रहे मंगल यादव (108वर्ष) चन्दरपुर रतवल पंचायत के चंदरपुर भिड़ारी गांव निवासी हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 12:12 AM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2019 12:12 AM (IST)
एक लड़ाई जाति और धर्म की राजनीति करने वालों से भी हो
एक लड़ाई जाति और धर्म की राजनीति करने वालों से भी हो

बगहा । गुलाम भारत की बेबसी और आजादी के जश्न का गवाह रहे मंगल यादव (108वर्ष) चन्दरपुर रतवल पंचायत के चंदरपुर भिड़ारी गांव निवासी हैं। गुमनाम सिपाही बनकर उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी। फिर जब देश आजाद हुआ तबसे अबतक सभी चुनावों में मतदान कर चुके हैं।

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बताते हैं कि पहले 10 किलोमीटर की दूरी तय करके रजवटिया के सरकारी स्कूल में मतदान करने जाते थे। फिलवक्त गांव के ही उत्क्रमित मध्य विद्यालय में मतदान करने जाते हैं। पहले व अब के मतदान में काफी फर्क हो चुका है। लोक सभा के प्रत्याशी का पहले नाम ही सुनते थे। बिरले उनका दर्शन हो पाता था। अब प्रचार तरीका बदल चुका है। प्रत्याशी गांव-गांव में भ्रमण कर अपने पक्ष में मतदान करने के लिए निवेदन करते हैं। पहले गांव में चुनाव के एक दिन पहले चौपाल में मतदान का निर्णय कर लिया जाता था। तब महिलाएं कम ही मतदान में भाग लेती थी। मतदान का प्रतिशत काफी कम होता था। श्री यादव कहते हैं कि अब मतदाता बिकाऊ हो गए हैं। चुनाव में रुपया,जाति,धर्म को आधार बनाकर प्रत्याशी अपनी जीत सुरक्षित करने की जी तोड़ प्रयास करते हैं। एक लड़ाई ऐसे प्रत्याशियों के खिलाफ भी छिड़नी चाहिए। ताकि, एक स्वच्छ समाज की स्थापना हो सके और सही मायने में हम आजाद कहलाए। दैनिक जागरण आपकी लंबी उम्र की कामना करता है।


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