उच्च शिक्षा की हो व्यवस्था, युवाओं को मिले रोजगार
आजादी के बाद वर्षो तक सिस्टम पर अपराधी हावी रहे। समय के साथ परिस्थितियां बदलीं और क्षेत्र अपराध से काफी हद तक मुक्त हो गया।
बगहा । आजादी के बाद वर्षो तक सिस्टम पर अपराधी हावी रहे। समय के साथ परिस्थितियां बदलीं और क्षेत्र अपराध से काफी हद तक मुक्त हो गया। इसके बावजूद जब भी बात विकास की चलती है, बगहावासी मायूस हो जाते हैं। एक समय था जब लोग यहां ट्रेन में बैठते थे तो राजधानी पहुंच जाते थे। सरकारी बस से बगहा से पटना तक की यात्रा बहुत ही आसान होती थी। आज की युवा पीढ़ी को यह भी पता नहीं कि यहां कभी सरकारी बस भी चलती थी। शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी आज भी इलाके का सबसे बड़ा मुद्दा है। जिसके निदान के लिए प्रयास की जरूरत है। नगर के नरईपुर मोहल्ले में मंगलवार को चुनावी चौपाल लगी। जिसमें उपरोक्त चर्चाएं हुईं। चौपाल में शामिल लोग भावी पीढ़ी की सुरक्षा को लेकर चितित थे। चौपाल में सबसे पहले शिक्षा की बदहाल व्यवस्था पर चर्चा चली। कई वक्ताओं ने कहा कि आजतक उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं हो सकी। प्राथमिक स्तर की शिक्षा व्यवस्था भी शिक्षकों के अभाव में बेपटरी हो चुकी है। इसके बाद बेरोजगारी पर युवाओं ने जमकर भड़ास निकाली। युवाओं ने एक स्वर से कहा कि हमारा वोट उसी प्रत्याशी को जाएगा जो युवाओं के लिए उच्च शिक्षा के साथ रोजगार के अवसर पैदा करने की कोशिश करें। वजह साफ है, पूरे अनुमंडल में आज भी कोई कॉलेज नहीं है। सरकार के रहनुमाओं द्वारा इसकी घोषणाएं जरूर हुई हैं। अब तक के किए गए घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने की आवश्यकता है। चौपाल में स्थानीय मुद्दों पर चर्चा के बाद लोगों ने तय किया कि स्थानीय स्तर की समस्याओं को दूर करने का वादा करने वाले को ही वोट देंगे। चौपाल की अध्यक्षता डॉ. रविकेश मिश्रा ने की। कामेश्वर मिश्र, रविकेश कुमार चौधरी, मनोज ठाकुर, उदय पांडेय, आशीष मिश्र, महेश मिश्र, आदर्श कुमार, विध्यवासिनी चौधरी, रौशन कुमार, राकेश मिश्र आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।
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लोगों ने कहा :-
घोषणाओं पर अमल की जरूरत :-
सरकार द्वारा अबतक की गई घोषणाओं को धरातल पर लाने की जरूरत है। साथ ही लोकतंत्र में धन और बल के उपयोग पर रोक लगना चाहिए। समाज को सही दिशा देने वाली योजनाओं पर चर्चा होना चाहिए। युवाओं के लिए बेहतर पढ़ाई और रोजगार के सृजन करने वाले को मतदान करने की जरूरत है।
डॉ. रविकेश मिश्र, शिक्षाविद्
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विद्यालयों में शिक्षकों की कमी पूरी हो :-
विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है। इसके कारण आज प्राथमिक स्तर की शिक्षा व्यवस्था भी भगवान भरोसे होकर रह गई है। कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों को कोचिग ट्यूशन का सहारा लेना पड़ता है। शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की जरूरत है।
रौशन कुमार, छात्र
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तकनीकी शिक्षा की हो व्यवस्था :-
सरकार की घोषणा के अनुसार तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए। तकनीकी रूप से दक्ष युवा कहीं भी नौकरी कर सकते हैं। क्षेत्र में एक आइटीआइ कॉलेज को छोड़ कर तकनीकी शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। पॉलीटेक्निक कॉलेज की स्थापना की घोषणा हुई थी, इसे धरातल पर लाया जाए।
महेश मिश्र, अधिवक्ता ------------------------------------------------------------
घोषणापत्र में बेरोजगारी का मुद्दा शामिल करें प्रत्याशी :-
प्रत्याशियों को अपने घोषणापत्र में बेरोजगारी के मुद्दे को शामिल करना चाहिए। आज क्षेत्र के आधे से अधिक युवक बेरोजगार हैं। उनके लिए सरकार ने कुछ नहीं सोचा। अब तक सिर्फ लोक लुभावन वादे किए गए हैं। लेकिन, अब इससे काम नहीं चलने वाला है। रोजगार की व्यवस्था तो होनी ही चाहिए।
कामेश्वर मिश्र, समाजसेवी