अब आश्वासन नहीं, बगहा को राजस्व जिला का दर्जा दे सरकार
बगहा । कभी बगहा का इलाका मिनी चंबल के नाम मशहूर हुआ करता था। लोग अपने घरों में सुरक्षित नहीं थे। नर
बगहा । कभी बगहा का इलाका मिनी चंबल के नाम मशहूर हुआ करता था। लोग अपने घरों में सुरक्षित नहीं थे। नरकटिया दोन नरसंहार बेलगाम अपराधियों के खौफ का नमूना है। उसके बाद ही सरकार ने 8 जनवरी 1996 को बगहा को पुलिस जिला घोषित कर दिया। पहले एसपी के रूप में आर. के. मल्लिक ने योगदान किया। अपराध पर नियंत्रण हुआ। बगहा के लोगों को आशा थी कि अब पुलिस जिला को राजस्व जिला का दर्जा सरकार देगी। साल दर साल बीतते गए , लेकिन आज तक राजस्व जिला नही बन सका। हर बार यह मुद्दा राजनीतिज्ञों के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल होता है। लेकिन चुनाव बीत जाने के बाद राजनीतिज्ञ इसे भूल जाते हैं। बगहा एक नगर के वार्ड 21 व 29 के बॉर्डर कालीस्थान में दैनिक जागरण की ओर से आयोजित चौपाल में लोगों ने बगहा को राजस्व जिला का दर्जा दिलाने में राजनीतिज्ञों की निष्क्रियता को निशाना बनाया। चौपाल में स्थानीय विकास कुमार, मुन्ना सिंह, प्रेमसागर चौधरी, विनोद चौधरी, अमित कुमार, कमरूल होदा, चंदन कुमार, कर्ण आर्यन, राजेन्द्र राम, संजीव कुमार, सुरेश चौधरी, भीलोटन चौधरी, कैलाश राम, मंजीत कुमार, सुखल चौधरी आदि दर्जनों लोगों ने भाग लिया। चौपाल में सभी ने पुलिस जिला के बाद बगहा को राजस्व जिला बनाने की मांग की। सभी ने बगहा के विकास के लिये बगहा पुलिस जिला को राजस्व जिला बनाने की मांग की। साथ ही जनप्रतिनिधियों को उनके पुराने वादे को याद दिलाया। इनकी भी सुनिए
बगहा आज भी पिछड़ा इलाका है। पुलिस जिला 1996 में बना था। इससे अपराध पर अंकुश लगा है। विकास के लिये बगहा को राजस्व जिला का दर्जा आवश्यक है। इस बार यही चुनाव का मुख्य मुद्दा है। राजनीतिज्ञों को जवाब देना होगा।
विकास कुमार, युवा बगहा अत्यंत पिछड़ा इलाका है। इस के विकास के लिये अब तक कोई भी जनप्रतिनिधि मन से काम नही किया। अगर राजस्व जिला बगहा बन जाये तो लोगों को अपने काम के लिये 65 किलोमीटर बेतिया नही जाना पड़ता।
मुन्ना सिंह, समाजसेवी कई दशकों से बगहा के लोग बगहा को जिला बनाने की मांग करते आ रहे है। बावजूद जनप्रतिनिधियों की ओर से बगहा को राजस्व जिला का दर्जा दिलाने के लिए सरकार पर दबाव नहीं बनाया गया। फिर वोट की राजनीति शुरू है।
प्रेमसागर चौधरी, समाजसेवी ढाई दशक पूर्व अपराध पर रोक लगाने के लिये पुलिस जिला बनाया था। राजस्व जिला नही बनने से बगहा का विकास पूरी तरह अवरुद्ध हो चुका है। अगर इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने पहल की होती तो कब का जिला बन गया होता।
विनोद कुमार चौधरी, किसान राजस्व जिला का दर्जा बगहा के क्षेत्र के लोगों की एकसूत्री मांग है। लेकिन सरकार के समक्ष यहां जनप्रतिनिधि बगहा की आवाज को पहुंचाने में विफल है। सरकार पर दबाव नहीं बना पा रहे हैं। नतीजा अब तक यह क्षेत्र उपेक्षित है।
अमित कुमार द्विवेदी, युवा समाजसेवी यहां के लोगों को जिला मुख्यालय जाने के लिए 65 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। सड़क की हालत भी अत्यंत जर्जर है। जिला मुख्यालय में अगर कोई काम है तो दिन भर का समय बर्बाद हो जाता है। इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।
संजय कुमार, युवा
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पिछले दिनों एक राजनीतिक मंच पर बगहा को राजस्व जिला बनाने की पहल हुई है। राजनीतिक स्तर से आश्वासन भी दिया गया था। लेकिन उस आश्वासन के भी दस वर्ष बीत गए । अब तक सरकार की ओर से पहल नहीं की गई।
चंदन कुमार, युवा अगर बगहा को राजस्व जिला का दर्जा नहीं देना था तो पुलिस जिला बनाने का भी कोई औचित्य नहीं था। बगहा की जनता के साथ बड़ा धोखा है, पुलिस जिला बनाना। जनप्रतिनिधियों को अगर जनता से प्रेम है तो इस पर पहल करें।
कर्ण आर्यन, युवा