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वादे नहीं हुए पूरे, विकास के सपने अधूरे

बगहा। पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए सूबे व केंद्र की सरकार प्रयत्नशील है। इसके लिए सभी तरह

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Mar 2021 12:20 AM (IST)Updated: Sat, 13 Mar 2021 12:20 AM (IST)
वादे नहीं हुए पूरे, विकास के सपने अधूरे
वादे नहीं हुए पूरे, विकास के सपने अधूरे

बगहा। पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए सूबे व केंद्र की सरकार प्रयत्नशील है। इसके लिए सभी तरह की योजनाएं पंचायतों में संचालित होने लगी है। पंचायत चुनाव एक बार फिर नजदीक है। ऐसे में गांवों में किस तरह के विकास का खाका तैयार किया गया है। योजनाएं धरातल पर हैं कि नहीं। पिछले चुनाव के समय जो वादे किए गए थे। उसमें से कितने पूरे हो सके हैं।

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प्रखंड के धोकराहा पंचायत में अन्य पंचायतों की तरह विकास की बयार पिछले पांच सालों में बही है। इस दौरान वार्ड के घरों तक नल से जल दिया गया है। आवास व शौचालय का निर्माण भी हुआ है। नाला व सड़क बने हैं। बिजली की व्यवस्था में पहले से काफी सुधार हुआ है। पर, ग्रामीणों की मानें तो सड़क की समस्या कुछ टोलों में है। शौचालय व आवास का भी निर्माण हुआ। पर, धोकराहा गांव के मुख्य सड़क की हालत जर्जर है। कुछ महीने को छोड़ दें तो, सालों भर जलजमाव का नजारा दिखाई देता है। जो इस पंचायत की मुख्य समस्या है। वहीं कुछ जगह आज भी पक्की सड़क के बदले ईट सोलिग से लोगों को काम चलाना पड़ता है। शौचालय का निर्माण कर राशि के लिए भटक रहे लाभुक: लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत इस पंचायत में करीब 400 शौचालय का निर्माण कराया गया था। पर, करीब पांच दर्जन लाभुक निर्माण के बाद भी राशि के लिए प्रखंड से लेकर मुखिया का चक्कर लगा रहे हैं। वहीं आवास का निर्माण बीते पांच सालों में हुआ है। पर, अभी भी दर्जनों लोग हैं। जिसको अपने सर पर छत की जरूरत है। जो इस योजना के राशि का इंतजार कर रहे हैं। धोकराहा गांव के मुख्य सड़क पर जलजमाव व कहीं कहीं ईट सोलिग की समस्या है। पंचायत एक नजर में: मतदाताओं की संख्या- करीब 8000 हजार

पंचायत की आबादी-11000 करीब

वार्ड की संख्या- 14

सरकारी विद्यालय की संख्या- 10

आंगनबाड़ी केंद्र- 12 कार्यरत

आवास का लाभ- 288

शौचालय- 400 करीब

शिक्षा का प्रतिशत- 66 कहते हैं ग्रामीण पंचायत के कई लोगों को आवास का लाभ दिया गया। पर, अभी भी कई वाजिब लोग इससे वंचित हैं। इस समस्या को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने की जरूरत है।

- शांति देवी शौचालय का निर्माण करा लिया गया है। अब भुगतान में पेच आ रहा है। कई बार इसको लेकर चक्कर लगा लिया गया। पर, ऑनलाइन भुगतान की प्रक्रिया में 12 हजार की राशि फंसी हुई है। जिसका निदान निकालना जरूरी है।

- शिवकुमार उर्फ फैन पासवान लोगों को अपने गांव में ही रोजगार मिले। जिससे पलायन को रोका जा सके। इस पर अभी ध्यान देना होगा। लॉकडाउन में कई लोग प्रभावित हुए हैं।

- राजन पंडित

कई कार्य बीते सालों में हुए हैं। पर, अभी कुछ और विकास की आवश्यकता है। कच्ची सड़कों को पक्की कराना जरूरी है। पंचरूखिया के छठ घाट को भी विकसित करने की आवश्यकता है।

- संदीप कुमार गौतम

बयान : बिना भेदभाव के सभी गांवों में जितना संभव हो सका है। विकास कार्य कराया गया है। अगर दोबारा जनता मौका देती है तो, बाकी रह गए कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराया जाएगा।

- गौरीशंकर प्रसाद, मुखिया, धोकराहा


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