पंचायत सरकार भवन का सपना अधूरा, पानी के लिए तरस रहे लोग
बगहा। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र से सटे वाल्मीकि नगर पंचायत की अपनी खास पहचान है। बिहार का एक म
बगहा। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र से सटे वाल्मीकि नगर पंचायत की अपनी खास पहचान है। बिहार का एक मात्र टाइगर रिजर्व होने के कारण यह पर्यटन नगरी के नाम से विख्यात है। लेकिन, ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नहीं उपलब्ध हो पा रहा है। पंचायत की सड़कें अच्छी है। पंचायत में विकास का पहिया तो जरूर चला है। लेकिन आदर्श पंचायत बनते-बनते रह गया है। वाल्मीकि नगर में 24 घंटे बिजली रहती है। जमीन के अभाव में पंचायत सरकार भवन का सपना अधूरा है । प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 60 फीसद लोगों को लाभ मिला है। जॉब कार्ड 1500 बना है। शैक्षणिक स्तर 70 प्रतिशत। 550 लोगों को वृद्धा पेंशन का लाभ मिलता है। पंचायत में बहुत जर्जर सड़क को बनाकर पंचायत के लोगों को सड़क की समस्या से मुक्ति दिलाई गई है। सरकार के द्वारा चलाई जा रही वृद्धा पेंशन, विकलांगता पेंशन, विधवा पेंशन, एवं प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत लोगों को लाभ मिल रहा हैं। पंचायत की आबादी लगभग 20 हजार हैं। पंचायत में कुल छह विद्यालय हैं। लगभग 92 फीसद लोगों के घरों में शौचालय बन चुका हैं। पंचायत में नल जल मिशन के अंतर्गत पाइप लाइन का विस्तार तो जरूर हुआ। लेकिन ग्रामीण पेय जल के लिए तरस रहे हैं।
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कहते हैं मुखिया
मुखिया पन्नालाल साह ने कहा कि स्वच्छ तथा आदर्श पंचायत बनाने के साथ सरकार की विभिन्न योजनाओं का पात्रों को लाभ देने के लिए प्रयास किया गया है । पंचायत में अधूरे कामों को पूरा किया गया है , पंचायत में इस समय जो जरूरतें हैं उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया गया है। अभी तक कुछ जगह पक्के रास्तों का निर्माण नहीं हो पाया है, ऐसे में पक्के रास्तों का निर्माण करवाना भी उनकी पहली प्राथमिकता होगी। जगमग हुईं गलियां, खुले में शौच से मुक्ति
पांच साल पहले अधिकांश महिलाएं व पुरुष घर के बाहर ही शौच को जाते थे। लेकिन अब 2000 शौचालय का निर्माण हुआ तो लोग शौचालय का उपयोग कर रहे हैं। जलभराव की समस्या का हल निकालते हुए यहां नाला निर्माण कराया गया है । जिससे गांव में जल भराव की समस्या सुलझ गयी है।