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लॉटरी के नाम पर ठगी करने वाले दो शातिर गिरफ्तार

लॉटरी फंसाने का झांसा देकर लोगों से रुपए ठगी करने वाले दो बदमाशों को मुफस्सिल पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 10:51 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 10:51 PM (IST)
लॉटरी के नाम पर ठगी करने वाले दो शातिर गिरफ्तार

बेतिया। लॉटरी फंसाने का झांसा देकर लोगों से रुपए ठगी करने वाले दो बदमाशों को मुफस्सिल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। फिलहाल इस मामले में पुलिस मुंह खोलने से परहेज कर रही है। उनसे पूछताछ किया जा रहा है। दोनों शातिरों की गिरफ्तारी के बाद लोगों को झांसा देकर ठगने वाले एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश होने की संभावना जताई जा रही है। सदर डीएसपी पंकज कुमार रावत मंगलवार की दोपहर मुफस्सिल थाना में पकड़ाए दोनों युवकों से पूछताछ की। पूछने पर उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ लोग को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ किया जा रहा है। इस मामले में हिरासत में लिए गए लोगों में नीरज कुमार और अमित कुमार साह का नाम शामिल है। नीरज जगदीशपुर थाना क्षेत्र के महुआ मदरसा का रहने वाला है। जबकि अमित मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बरवत सेना का निवासी बताया गया है। पुलिस कुछ अन्य संदिग्धों की भी तलाश कर रही है।

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बताया जाता है कि हिरासत में लिए गए बदमाश लोगों को फोन कर उनको झांसा देते थे कि आपके नाम से लाखों या करोड़ों की लॉटरी फंसी है। लोगों को विश्वास दिलाने के लिए कुछ तिलकम भी रचने थे। झांसे में जाने के बाद सरचार्ज या विभिन्न तरह के टैक्स के नाम पर उनसे कुछ रकम जमा करने को करने को कहा जाता था। यह राशि बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा बरवतसेना कि एक खाताधारक मोहम्मद शमी के खाते में डाला जाता था। बदमाश एटीएम कार्ड से राशि को निकाल लेते थे।

बताया जाता है कि हिरासत में लिए गए बदमाशों ने दिल्ली की एक व्यक्ति को लॉटरी फंसाने का झांसा दिया था। उससे उक्त खाते में राशि डालने को कहा गया था। तब उस व्यक्ति ने इसकी शिकायत बैंक ऑफ बड़ौदा के रीजनल कार्यालय मुजफ्फरपुर में की थी। रीजनल कार्यालय से उक्त शाखा के ब्रांच मैनेजर विवेक कुमार से मामले की जांच करने को कहा गया। सोमवार को बैंक मैनेजर विवेक कुमार और सीएसपी संचालक चंद्रशेखर प्रसाद आरोपी के घर महुअवा मदरसा पहुंचे तो मामले का खुलासा हुआ। बताया जाता है कि खाताधारक मोहम्मद शमी फ्रॉड के इस मामले मामले से अनभिज्ञ है। उक्त खाता के नाम पर जारी एटीएम कार्ड उसका पड़ोसी और दोस्त नीरज ले लिया था जो अपने दोस्त अमित के साथ मिलकर ठगी का धंधा करता था। नीरज बेतिया रहकर पढ़ाई करता है।

जब खाताधारक के घर ब्रांच मैनेजर पहुंचे तो उसने एटीएम कार्ड नीरज को देने की बात कही। समी के घर वालों ने नीरज से पूछताछ की। नीरज ने इस मामले में अमित का नाम लिया। सभी लोग नीरज को लेकर मंगलवार की सुबह बैक में पहुंचे। वहां नीरज से फोन कर अमित को बुलवाया गया। अमित स्कार्पियो से बैंक में पहुंचा जहां लोगों ने उसे पकड़ लिया। बाद में इसकी सूचना पुलिस को दी गई और दोनों को मुफस्सिल पुलिस के हवाले कर दिया गया। बताया जाता है कि दोनों जालसाजों ने 20 दिन के अंदर उक्त खाता में लोगों से करीब एक लाख 10 हजार रुपये मंगवाए हैं।


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