मशरूम की खेती का दिया गया प्रशिक्षण
बगहा। चखनी-रजवटिया पंचायत भवन में स्वयं सहायता समूह व ग्राम आपदा प्रबंधन समिति के आजीविका विकल्प के साथ-साथ उधमिता विकास हेतु मशरूम उत्पादन पर दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
बगहा। चखनी-रजवटिया पंचायत भवन में स्वयं सहायता समूह व ग्राम आपदा प्रबंधन समिति के आजीविका विकल्प के साथ-साथ उधमिता विकास हेतु मशरूम उत्पादन पर दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। अंतर सीमा बाढ़ उत्थानशील परियोजना अंतर्गत गोरखपुर एनवायरमेंटल एक्शन ग्रुप द्वारा लूथरन वर्ल्ड रिलीफ के सहयोग से आयोजित प्रशिक्षण के दौरान परियोजना समन्वयक रवि प्रकाश मिश्र ने कहा कि छोटे-छोटे किसान के लिए इस बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में मशरूम की खेती व्यवसायिक रूप से किया जा सकता है। इससे किसान अपने घर व छत-छप्पर बनाकर भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मशरूम एक स्वास्थ्यवर्धक है। इसकी मांग बाजार में सर्वाधिक रहता है। विक्रय की समस्या इसमें नहीं आता।
प्रशिक्षक डॉ. पीएन सिंह ने मशरूम के खाने योग्य प्रजाति की जानकारी देते हुए स्थानीय जलवायु में ओएस्टर, वटन व मिल्की मशरूम अत्याधिक के बारे में बताया। बताया कि इसके खेती कर किसान पूरे साल लाभ उठा सकते हैं। करीब 400 वर्ग फीट क्षेत्र से इस खेती द्वारा तीस हजार से चालीस हजार रुपये प्रति सीजन कमाया जा सकता है। मौके पर विजय पांडे, सचिन त्रिपाठी, शिव प्रकाश निराला ठाकुर, विजयशंकर सिंह सरोज, निशा देवी, सुनील रंजन, सुरेश राम, संजय मिश्र व इजहार सिद्धिकी उपस्थित थे।