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दूसरे दिन भी हंगामेदार रहा ट्रेड यूनियन का बंद

बेतिया। देश के 10 ट्रेंड यूनियन संगठनों के आह्वान पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय आम हड़ताल हंगामेदार रही।

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 10:47 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 10:47 PM (IST)
दूसरे दिन भी हंगामेदार रहा ट्रेड यूनियन का बंद
दूसरे दिन भी हंगामेदार रहा ट्रेड यूनियन का बंद

बेतिया। देश के 10 ट्रेंड यूनियन संगठनों के आह्वान पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय आम हड़ताल हंगामेदार रही। मंगलवार को राष्ट्रीय आम हड़ताल को लेकर हजारों की संख्या में सीपीआईएम माकपा के नेतृत्व में खेत मजदूर,लाइट एसोसिएशन,बिहार राज्य किसान सभा, रसोईया, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी, सहायिका, सेविका, निर्माण मजदूर, सफाई मजदूर ठेका मजदूर बैंक कर्मचारी इत्यादि हजारों की संख्या मे राजदेवड़ी से जुलूस लेकर सड़क पर निकल गए। अपनी मांग समान काम का समान मजदूरी, श्रम कानून के साथ छेड़छाड़ नहीं हो, महिलाओं पर हमला बंद करो, 12 सौ में दम नहीं 18000 से कम नहीं, रोजगार पर हमला बंद करो इत्यादि नारा लगाते हुए जुलुस निकाले गए। रैली शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए समहाराणालय पहुंची। यहां हडतालियों ने करीब तीन घंटे तक आवागमन ठप रखा। वही सीपी आईएम के नेतृत्व में हडतालियों ने एनएच 727 को जाम कर हंगामा किया। मौके पर भाकपा के जिला मंत्री ओमप्रकाश क्रांति, आशा संघ के जिला जिलाध्यक्ष संजू देवी, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोप गुट के सम्मानित अध्यक्ष राजेंद्र पाठक, जिला सचिव राज किशोर ¨सह, निर्माण मजदूर यूनियन के जिला संयोजक जवाहर प्रसाद, खूब चौधरी, अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला संयोजक सुनील कुमार राव भाकपा माले के केंद्रीय कमिटी सदस्य बिरेंद्र प्रसाद गुप्ता, ,सीपीएम के प्रभू राज नारायण राव आदि नेताओं ने भी सभा को संबोधित किया।वक्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार में अपने 4 साल के कार्यकाल में खुलेआम कारपोरेट कंपनियों के पक्ष में कार्य किया है। इसके परिणाम स्वरुप देश की 73 फीसदी आबादी का हक एक प्रतिशत अमीर लोगों के हाथों सिमट गई है। सबसे ज्यादा बैंकों की राशि पूजीपतियों के हाथ में है। मोदी सरकार तमाम सार्वजनिक क्षेत्रों को अंदर से खोखला बनाकर उसे औने- पौने कीमत पर निजी हाथों में सुपुर्द करने की लगतार साजिश कर रही है। शिक्षा स्वास्थ्य को तेजी से निजीकरण हो रहा है, जिससे तमाम लोगों का जीवन और ज्यादा संकटग्रस्त हुआ है । श्रम कानूनों में सुधार में तानाशाही रवैया अपनाई गई है ।स्थाई नियोजन के स्थान पर ठेका प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है। बाहर की एजेंसियों से दैनिक मजदूरो का शोषण किया जा रहा है। प्रतिवर्ष दो करोड़ लोगों के रोजगार देने के घोषणा जूमला सावित हूआ है। नोटबंदी,जीएसटी लागू करने से छोटे व्यवसाय उद्योग को किसानों को तबाही के राह पर सरकार खड़ा कर दिया है।मौके पर आँगनबाड़ी कर्मचारी युनियन के जिला अध्यक्ष अजय वर्मा, राधामोहन यादव, राजीव रंजन झा,सुमन वर्मा, स्नेहलाता कुमारी, गोदावरी देवी, शीतल झा, माला कुमारी, रेनू देवी, भिखारी साह, बिनु देवी, सरोज देवी, परशुराम ठाकुर, साधना देवी, आसमा खातून, कुमुद देवी, लाल बाबू राम, वीणा देवी, अनिता देवी, निर्मला देवी, आदि ने भी संबोधित किया।

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