आक्रोशित अधिवक्ताओं ने थानाध्यक्ष का किया घेराव, हंगामा
स्थानीय न्यायालय परिसर में गुरुवार की सुबह उस समय अफरातफरी का माहौल कायम हो गया जब महिला थाने के थानाध्यक्ष धनंजय शर्मा दहेज उत्पीड़न मामले में नामजद एक आरोपित को गिरफ्तार करने के लिए कोर्ट परिसर पहुंच गए।
बगहा । स्थानीय न्यायालय परिसर में गुरुवार की सुबह उस समय अफरातफरी का माहौल कायम हो गया, जब महिला थाने के थानाध्यक्ष धनंजय शर्मा दहेज उत्पीड़न मामले में नामजद एक आरोपित को गिरफ्तार करने के लिए कोर्ट परिसर पहुंच गए। अपने टेबल से आरोपित को गिरफ्तार होता देख अधिवक्ता रविशंकर प्रसाद ने थानाध्यक्ष के समक्ष विरोध दर्ज कराया। इस बात को लेकर अधिवक्ता व थानाध्यक्ष में बकझक होने लगी। तभी आसपास काम कर रहे अन्य अधिवक्ता भी जुट गए। बढ़ रहे आक्रोश को भांपकर थानाध्यक्ष ने तत्काल लोक अभियोजक कार्यालय में शरण ले ली। इधर, न्यायालय परिसर से आरोपित की गिरफ्तारी की खबर पर विधिज्ञ संघ के सचिव उपाध्याय सुनील कुमार जिला जज अभिमन्यु लाल श्रीवास्तव के कार्यालय कक्ष पहुंचे और संपूर्ण घटनाक्रम की जानकारी दी। जानकारी मिलने के बाद जिला जज ने तत्काल महिला थानाध्यक्ष को कार्यालय कक्ष में तलब किया। दूसरी ओर आक्रोशित अधिवक्ता जिला जज व प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश दुर्गेशमणि त्रिपाठी के कार्यालय पहुंच गए। जहां उन्होंने थानाध्यक्ष का घेराव किया और विरोध दर्ज कराया। शोर सुनकर दोनों जज बाहर निकले और आक्रोशित अधिवक्ताओं को समझा-बुझा कर शांत कराया। यह है पूरा मामला :-
नगर थाने के मिर्जाटोला मोहल्ला निवासी मैनुद्दीन कुरैशी की पत्नी सलमा खातून ने जनवरी महीने में महिला थाने में कांड संख्या 6/19 दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि उसके पति व ससुराल के लोग दहेज की मांग करते हैं। जिसे पूरा नहीं करने पर मारपीट कर घर से निकाल दिया गया। घटना सही पाए जाने के बाद पुलिस ने उक्त आरोपित की गिरफ्तारी के लिए कई बार छापेमारी की। लेकिन, वह लगातार फरार चल रहा था। उसके बाद न्यायालय से कुर्की का वारंट निर्गत हुआ। इसी बीच सूचना मिली कि आरोपित अनुमंडल कार्यालय के आस-पास देखा गया है। पुलिस टीम जब तक पहुंचती आरोपित कोर्ट परिसर में अपने अधिवक्ता के पास पहुंच गया था। .. और आरोपित ने किया आत्मसमर्पण :-
प्रताड़ना के आरोपित मैनुद्दीन कुरैशी ने न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण करते हुए जमानत की अर्जी दाखिल की। जिसे न्यायालय ने खारिज करते हुए उसे जेल भेज दिया। महिला थाना के थानाध्यक्ष धनंजय शर्मा ने बताया कि पुलिस दबिश के कारण ही आरोपित ने आत्मसमर्पण किया है। यदि वह आत्मसमर्पण नहीं करता तो न्यायालय से लौटने के दौरान उसे गिरफ्तार कर लिया जाता। न्यायालय परिसर में आरोपित की गिरफ्तारी को लेकर थानाध्यक्ष व अधिवक्ताओं के बीच विवाद हुआ था। जिसे जिला जज व अन्य पदाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद सुलझा लिया गया। इसकी सूचना मिलने के बाद थानाध्यक्ष को हिदायत दी गई है कि आगे से इस तरह का कार्य नहीं करें, जिससे विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो।
अरविद कुमार गुप्ता, एसपी, बगहा