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सामान्य दिनों में भी नगर में श्मशान घाट की समस्या

बगहा। रामनगर में श्मशान घाटों की समस्या लंबे समय से चली आ रही है। श्याम ज्योति सिनेमा के पास

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Aug 2021 12:06 AM (IST)Updated: Fri, 06 Aug 2021 12:06 AM (IST)
सामान्य दिनों में भी नगर में श्मशान घाट की समस्या

बगहा। रामनगर में श्मशान घाटों की समस्या लंबे समय से चली आ रही है। श्याम ज्योति सिनेमा के पास रामरेखा नदी के किनारे लोग पहले श्मशान घाट के रूप में इस्तेमाल करते थे। पर, धीरे धीरे इस स्थल पर शवदाह बंद हो गया है। इसके अलावा त्रिवेणी नहर के किनारे, सबुनी पोखरा के समीप रामरेखा नदी पर, मसान नदी के घाट पर करीब चार किलोमीटर की दूरी तय कर लोग जाते हैं। इसका कारण यह है कि नगर में कोई इस तरह का स्थायी श्मशान घाट ही नहीं है। जहां शवदाह के लिए कोई माकूल व्यवस्था हो। कोरोना काल में भी लोग इन्हीं अस्थायी व्यवस्थाओं के बीच अपनों की चिता को इन स्थलों पर दाह संस्कार किए थे। इन घाटों पर मुश्किल से एक साथ दो से तीन लोगों का ही दाह संस्कार हो सकता है। वहीं यहां किसी भी घाट पर कोई विशेष इंतजाम नहीं है। सरकारी स्तर पर भी कोई व्यवस्था इन घाटों पर नहीं की गई है। नहीं है एक भी विद्युत शवदाह गृह

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नगर में किसी घाट पर विद्युत शवदाह गृह की कोई व्यवस्था नहीं है। हालांकि इसके लिए काफी समय से स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं। लकड़ी की हो रही समस्या के कारण आने वाले दिनों में इसकी आवश्यकता पड़ेगी। वर्तमान में लकड़ी से ही दाह संस्कार होता है। मुक्ति धाम समिति के तरफ से लगातार हो रहा प्रयास सबुनी पोखरा के समीप रामरेखा नदी के घाट को मुक्ति धाम के रूप में विकसित करने के लिए स्थानीय स्तर पर एक समिति का गठन किया गया है। जो लगातार इस घाट को विकसित करने की मांग कर रही है। समिति के अध्यक्ष सुशील छापोलिया का कहना है कि आपसी चंदे से घाट की साफ सफाई कराई गई थी। जमीन का सीमांकन कराया गया। सचिव सुजल सिंह ने बताया कि इस स्थल को विकसित करने के लिए नगर परिषद को आवेदन दिया गया था। नप की तरफ से सौंदर्यीकरण के लिए दो योजनाओं की स्वीकृति दी गई है। पर, अभी तक इस दिशा में कोई कार्य आगे नहीं बढ़ा है। बताते हैं कि समिति के तरफ से एक प्लेटफार्म का निर्माण किया गया है। जिससे कई लोगों को फायदा हुआ है। बयान : सबुनी पोखर मुक्ति धाम के लिए करीब 60 लाख की योजना को स्वीकृत किया गया है। राशि उपलब्ध होते हीं टेंडर की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी। इस समस्या पर हमारी नजर है।

शायरा खातून, उपसभापति


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