डाकघर में आधार कार्ड बनाने की योजना फेल
वाल्मीकिनगर, वाल्मीकिनगर में आधार कार्ड निर्माण कार्य बंद हो जाने से आम लोगों की परेशानी बढ़ गईं हैं । वहीं डाकघर में आधार निर्माण की योजना शुरू होने से पहले ही लड़खड़ाने लगी है।
बगहा। वाल्मीकिनगर, वाल्मीकिनगर में आधार कार्ड निर्माण कार्य बंद हो जाने से आम लोगों की परेशानी बढ़ गईं हैं । वहीं डाकघर में आधार निर्माण की योजना शुरू होने से पहले ही लड़खड़ाने लगी है। इस बावत डाकपाल मुकुल कुमार का कहना है कि एकल डाकघर में स्टाफ की कमी के कारण यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। गलती से आधार कार्ड बनाने के उपकरण की आपूर्ति वाल्मीकि नगर में कर दी गई है। जिसे वापस भेजा जा रहा है। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत डाकघरों में आधार पंजीकरण एवं अपडेशन की व्यवस्था शुरू की जानी थी।, लेकिन प्रधान डाक घर बेतिया को छोड़ जिले के अन्य डाकघर में आधार केंद्र खोलने का प्रयोग ही विफल हो गया है। अब तक आधार बनाने की व्यवस्थाएं नहीं बन पाई। बड़ी संख्या में लोग उप डाक घर वाल्मीकि नगर आ रहे हैं, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लग रही है। जो लोग कई चक्कर लगा चुके हैं, उन्हें अब डाकघर के कर्मचारी दूसरे आधार केन्द्रों का पता बताकर लोगों को वापस लौटाना शुरू कर दिया है। गांव-गांव में फैले डाक विभाग के नेटवर्क को देखते हुए प्रदेश के डाकघरों में आधार पंजीयन केन्द्र खोलने का निर्णय केन्द्र सरकार ने लिया था , लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि गांवों में संचार सेवाएं, इंटरनेट और बिजली आपूर्ति शहरी क्षेत्र की तुलना में कमतर रहती है। जब जिला मुख्यालय में व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पाई तो गांवों में कैसे उम्मीद की जा सकती हैं। स्टाफ के कमी के चलते आधार के निर्माण में बाधा आ रही है। कर्मचारी के अभाव में कई महीने से आधार कार्ड बनाने की मशीन डाकघर में शोपीस बनी हुई है क्योंकि यहां डाक विभाग ने किसी लिपिक की नियुक्ति आधार कार्ड बनाने के लिए नहीं की है। इस डाकघर में एक डाकपाल व एक लिपिक तैनात है। जिसे रूटीन कार्य से ही फुर्सत नहीं है। तो आधार कार्ड कहां से बन पाएगा। वाल्मीकि नगर में संचालित आधार कार्ड पंजीयन केंद्र बंद हो जाने के बाद से लोगों को आधार कार्ड बनवाने के लिए भटकना पड़ रहा है। अब भी सैकड़ों लोगों का आधार कार्ड नहीं बन पाया है। लोग दर-दर भटक रहे हैं। पूर्व में यहां कई आधार पंजीयन केंद्र संचालित हो रहे थे। इन केंद्रों को बंद कर सरकारी विभागों को आधार कार्ड बनाए जाने की जिम्मेदारी दे दी गई थी। चाहे सरकारी काम हो या फिर प्राइवेट, मौजूदा समय में आधार कार्ड अनिवार्य हो गया है। इसी को देखते हुए इसे बनाने की व्यवस्था डाकघरों को सौंपी गई थी। लेकिन वाल्मीकि नगर उप डाकघर इस मामले में एकदम से उदासीन है। आलम यह है कि 10-15 किलो मीटर की दूरी तय कर आधार कार्ड बनाने या फिर संशोधन कराने के लिए लोग वाल्मीकि नगर डाकघर पहुंच रहे है। लेकिन यहां आने के बाद उन्हे निराशा हाथ लगती है।