संघर्ष की बदौलत मिली कामयाबी
बेतिया। बिहार राज्य आशा संघ के जिला संरक्षक ओमप्रकाश क्रांति ने कहा कि वर्ष 2007 से आशा संघ ने अपने अधिकार के लिए कई अघोषित लड़ाई लड़ीं।
बेतिया। बिहार राज्य आशा संघ के जिला संरक्षक ओमप्रकाश क्रांति ने कहा कि वर्ष 2007 से आशा संघ ने अपने अधिकार के लिए कई अघोषित लड़ाई लड़ीं। करीब एक दशक की लम्बी लड़ाई का परिणाम है कि सरकार को झुकना पड़ा। सरकार आशा संघ से समझौता करने के लिए विवश हुई।और सम्मानजनक समझौता हुआ।एक हजार रुपये की मानदेह में बढ़ोतरी करते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बनी।जिसमें एएनएम प्रशिक्षण में 15 फीसदी का आरक्षण के अलावा सेवा पुस्तिका तैयार करने आशा फैसिलेटर को चयन पत्र देने और बीसीएम बहाली में 10 फीसदी का आरक्षण के साथ बकाया भुगतान करना शामिल है। यह जीत भविष्य की मार्ग प्रशस्त किया है। सम्मान जनक समझौता करने के लिए उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री, राज्य स्वास्थ्य समिति को धन्यवाद दिया वहीं डीपीएम और आशा डीसीएम के द्वारा आंदोलन के क्रम में मिलीं सहयोग का आभार है उक्त बातें वे गुरूवार को नगर के जगजीवन नगर स्थित बलिराम भवन में आयोजित आशा संघ की ओर से विजय दिवस कार्यक्रम में बोल रहे थे।मौके पर उपस्थित आशा संघ के सदस्य ने एक दुसरे को अबीर गुलाल लगाई और मिठाई बॉटी।मौके पर आरती पटेल,देवेन्द्र पाण्डेय, बेनु देवी, राजीव रंजन झा, जवाहर प्रसाद, अशोक मिश्रा, राधामोहन यादव, साधना देवी, लक्ष्मीना देवी, मुन्ना कुमारी, आश्मा खातुन, सरोज देवी, सुन्दरम देवी, पुष्पा देवी, गिरजा देवी, उर्मिला देवी, पुनम देवी, परशुराम ठाकुर, कुसुम देवी, ध्रुव शास्त्री, गंगा प्रसाद वर्मा, हीरालाल पासवान, सरोज देवी, ममता देवी, आदि शामिल रहे ।