दवा दुकानों की हड़ताल से हाहाकार, परेशान रहे मरीज एवं परिजन
पश्चिम चंपारण। औषधि नियंत्रण प्रशासन की प्रताड़ना के खिलाफ खुदरा व थोक दवा दुकानदारों की हड़ताल बुधवार को शुरू हो गई।
पश्चिम चंपारण। औषधि नियंत्रण प्रशासन की प्रताड़ना के खिलाफ खुदरा व थोक दवा दुकानदारों की हड़ताल बुधवार को शुरू हो गई। यह तीन दिनों तक चलेगी। हड़ताल के पहले दिन दवा के लिए हाहाकार मच गया। विभिन्न क्लिनिक एवं नर्सिंग होम में मरीजों को दवा नहीं मिलने से वे परेशान दिखे। एक दुकान से दूसरे दुकान तक भागते रहे। खास कर परेशानी शहर में रही। यहां तो दवा के लिए मरीज एवं उनके परिजनों को करीब तीन से चार किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी। अधिकांश मरीज एवं परिजन बिना दवा शहर से वापस लौटने को विवश रहे। हालांकि एसोसिएशन की ओर से आम जन की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अस्पताल रोड स्थित पूनम मेडिकल हॉल को खुला रखा गया था। हड़ताल को खुदरा एवं थोक दोनों दुकानदारों का समर्थन प्राप्त है। यह हड़ताल तीन दिनों यानि 24 जनवरी तक चलेगा।
100 रुपये की दवा के लिए खर्च करना पड़ा दो सौ
चनपटिया निवासी तबरेज आलम को 100 रुपये की दवा लेने के लिए 200 रुपये खर्च करने पड़े। हुआ यूं कि तबरेज के पैर में घाव था। वह उसे दिखाने के लिए शहर के एक चिकित्सक के यहां गया। यहां चिकित्सक ने इलाज करते हुए उसे दवा लेने की सलाह दी। लेकिन दवा दुकानदारों की हड़ताल की वजह से संबंधित चिकित्सक के क्लिनिक स्थित दवा दुकान बंद थी। नतीजतन वह रिक्सा का सहारा लिया। उस पैर सवार होकर एक दुकान से दूसरे दुकान भागता रहा लेकिन दवा ..। हालांकि इस दौरान उसे अस्पताल रोड में पूनम मेडिकल हॉल के खुलने की जानकारी किसी ने दी। वहां पहुंचा तो उसे दवा तो मिली, लेकिन रिक्सा भाड़ा 200 रुपये देने पड़े। यह स्थिति एक दो मरीजों की नहीं बल्कि दर्जनों मरीजों की रही। जिन्हे अपनी दवा के लिए बुधवार को कई परेशानियों से गुजरना पड़ा। गोपालपुर थाना के बैशाखवा निवासी मनोहर कुमार, तैयब मियां, शमसुल नट आदि मरीज भी दवा के लिए परेशान दिखे।