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मुख्य सड़क किनारे खड़ी होती बसें, स्टैंड निर्धारित नहीं

बात की पुष्टि हुई कि यहां के आवेदकों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके बाद थानाध्यक्ष ने सभी युवतियों को इसे रजिस्ट्री करने से मना किया। बताते चलें कि इन दिनों ने सुबह आठ बजे से ही नगर के डाक घरों में युवतियों और महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। भीड़ को डाककर्मी जब समझाने का प्रयास करते हैं कि आप सब अपना समय और पैसा बर्बाद कर रहे हैं। यह योजना अभी यहां लागू नहीं है। लेकिन लोग रजिस्ट्री करने पर अडिग हैं। थानाध्यक्ष श्री प्रसाद ने आवेदन जमा करने वालों को मना करते हुए अपने आस पास के लोगों को जागरूक करने की बात कही।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Jun 2019 12:17 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2019 12:17 AM (IST)
मुख्य सड़क किनारे खड़ी होती बसें, स्टैंड निर्धारित नहीं
मुख्य सड़क किनारे खड़ी होती बसें, स्टैंड निर्धारित नहीं

फोटो :- 23 बीजीएच 03 ---रामनगर नगर पंचायत क्षेत्र में तीन साल पूर्व स्टैंड निर्धारण की शुरू हुई थी प्रक्रिया

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---डाक बंगला परिसर में उपलब्ध है करीब तीन एकड़ जमीन, प्रशासनिक पहल का इंतजार रामनगर, संवाद सूत्र : रामनगर नगर पंचायत का गठन 17 वर्ष पहले हुआ। तबसे लेकर अबतक शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोग नियमित रूप से होल्डिग टैक्स जमा करते आ रहे हैं। लेकिन बात जब सुविधाओं की बहाली की होती है तो फिर शहरी आबादी को दरकिनार कर दिया जाता है। बानगी स्टैंड निर्धारण के मुद्दे को लिया जा सकता है। आजतक नगर क्षेत्र में स्थायी स्टैंड का निर्धारण नहीं हो सका। प्रतिदिन बेतिया, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, पटना वाल्मीकिनगर आदि के लिए रामनगर से बसें खुलती हैं। लेकिन ये बसें सड़क किनारे ही खड़ी होती हैं और यहीं यात्रियों को बिठाया जाता है। इससे मुख्य सड़क पर बार बार जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। लेकिन इस समस्या की ओर किसी का ध्यान नहीं है। नगर के डाक बंगला परिसर स्थित जिला परिषद के जमीन पर इसका स्थानांतरण करने की मांग वर्षो से उठ रही है। पर्याप्त जमीन के बाद भी उक्त स्थल पर इसका स्थानांतरण नहीं हो सका। नगरवासी इस बात को लेकर आक्रोशित हैं कि शहरी क्षेत्र में आजतक वाहन पड़ाव की स्थापना नहीं हो सकी। उल्लेखनीय है कि रामनगर नगर पंचायत का पहला चुनाव वर्ष 2002 में हुआ था। इसके पहले यह अधिसूचित क्षेत्र के अन्तर्गत आता था। तबसे लेकर आज तक बस पड़ाव को लेकर मांग उठती रही है। पूर्व खेल मंत्री अर्जुन विक्रम शाह के कार्यकाल में डाक बंगला परिसर में बसों के ठहराव की व्यवस्था हुई थी। लेकिन बाद में स्थिति जस की तस हो गई।

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डाक बंगला परिसर में उपलब्ध है तीन एकड़ जमीन :-

डाक बंगला परिसर स्थित जिला परिषद की करीब तीन एकड़ जमीन उपलब्ध है। जो स्थायी वाहन पड़ाव के निर्धारण के लिए पर्याप्त है। बस स्टैंड के लिए पहले दो बार डाक भी हो चुका है। इसके बाद भी इस परिसर में बस अड्डा स्थानांतरित नहीं किया जा सका। जिसके कारण आज भी आंबेडकर चौक ही बसों का मुख्य पड़ाव स्थल है। यहां आए दिन जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

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तत्कालीन डीडीसी ने लिया था जायजा :-

करीब तीन साल पहले तत्कालीन डीडीसी के द्वारा भी डाक बंगला परिसर स्थित प्रस्तावित जमीन का निरीक्षण किया गया था। साथ ही उक्त भूमि पर लगे सूखे व हरे पेड़ों की गिनती कराकर उसकी सूची भी तैयार की गई थी। जिसके बाद इस स्थल पर बस स्टैंड स्थानांतरण को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था। परन्तु तीन साल बीत जाने के बाद भी आज तक इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ।

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बयान :-

जिला परिषद की जमीन पर बस स्टैंड के स्थायी निर्धारण के लिए विभाग को पत्राचार किया गया है। इससे संबंधित अगर कोई भी पत्र प्राप्त होता है तो अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, कार्यपालक पदाधिकारी

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बयान :-

विभाग से आवश्यक विचार विमर्श व निर्देश के उपरांत जरूरत पड़ने पर बलपूर्वक बसों का ठहराव डाक बंगला परिसर में सुनिश्चित किया जाएगा।

विनोद मिश्रा, अंचलाधिकारी

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