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कभी दारोगा बनकर तो कभी जमादार बनकर जांच के नाम पर करता था ठगी

बेतिया। जिस वर्दीधारी पर लोगों की सुरक्षा की जिम्मेवारी होती है और गुमान भी। वह वर्दीधारी किसी अपराध में पकड़ा जाए तो लोग कुछ देर के लिए सोचने के लिए विवश हो जाते हैं और तरह-तरह के सवाल उठने लगते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 12:04 AM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 12:04 AM (IST)
कभी दारोगा बनकर तो कभी जमादार बनकर जांच के नाम पर करता था ठगी
कभी दारोगा बनकर तो कभी जमादार बनकर जांच के नाम पर करता था ठगी

बेतिया। जिस वर्दीधारी पर लोगों की सुरक्षा की जिम्मेवारी होती है और गुमान भी। वह वर्दीधारी किसी अपराध में पकड़ा जाए, तो लोग कुछ देर के लिए सोचने के लिए विवश हो जाते हैं और तरह-तरह के सवाल उठने लगते हैं। हालांकि शिकारपुर पुलिस ने ठगी के मामले में संलिप्त उस वर्दीधारी होमगार्ड जवान को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। लोगों में इस बात की चर्चा भी है कि कानून से ऊपर कोई नहीं होता। धराए होमगार्ड का जवान कंगली थाना क्षेत्र के मठिया गांव का रिजवानुल्लाह बताया गया है। कभी अनुमंडल पदाधिकारी के अंगरक्षक के रूप में तो कभी शिकारपुर थाना समेत विभिन्न थानों में पदस्थापित होकर ड्यूटी किया। फिलहाल वह कहीं कार्यरत नहीं था। बताया जाता है कि वह कई वर्षों से शिवगंज मोहल्ले में किराए का मकान लेकर रहता है । जांच पड़ताल के बाद होमगार्ड जवान के कारनामों की परत दर परत कलई खुलने लगी है। वह कभी पुलिस की वर्दी में तो कभी बिना वर्दी सीधे-साधे ग्राहकों को ठगी का शिकार बनाता था। बैंक के इर्द-गिर्द मंडराने, कभी चीनी मिल के गेट पर तो कभी स्टेशन पर उसकी आवाजाही लोगों को संदेह पैदा करती रही। 19 नवंबर को एलआईसी के गेट पर मानपुर थाना क्षेत्र के चकरसन निवासी लक्ष्मण राम नामक एक बैंक के गार्ड से 49 हजार की ठगी कर ली। पत्नी के साथ पहुंचे लक्ष्मण राम को पुलिसिया धौस दिखाकर जांच कराने के लिए दबाव बनाया और फिर रुपए उड़ा कर वहां से भाग निकला। अभी एक सप्ताह भी नहीं गुजरे कि बैंक से निकलकर उच्च विद्यालय की ओर जा रहे गौरीपुर मंझरिया निवासी शाहिद मियां से बिना वर्दी में रहे इस जवान ने 41 हजार रुपये की ठगी कर ली। पहले धौस दिखाया कि हम पुलिस वाले हैं। जांच कराओ। और फिर रुपये लेकर वहां से चंपत हो गया। इस पूरे प्रकरण में शहीद मियां का प्रयास रंग लाया है। अपने खून पसीने से कमाये रुपये को धोखाधड़ी में गवां आ चुके शहीद ने नगर में छानबीन शुरू किया। गलियों मुहल्लों से लेकर चौक चौराहों तक दिन भर गुजारता रहा। उसे उम्मीद थी कि ऐसे ठग अपनी आदत से बाज नहीं आते। इस क्रम में वह शिवगंज चौक पर दिखा और पहली नजर में ही पीड़ित ग्राहक शहीद ने उसे पहचान कर पुलिस तक पहुंचा दिया। पीड़ित ग्राहक लक्ष्मण राम से भी उसकी पहचान कराई गई तो होमगार्ड का जवान उनके साथ ठगी की घटनाओं का मास्टरमाइंड निकला। पुलिस का यह भी कहना है कि वह वाहन जांच करने के नाम पर भी उगाही कर चुका है। एक बाइक सवार से 15 सौ रुपये वसूल लिया था। सूचना पर जैसे ही पुलिस वहां पहुंची, उसके कुछ देर पहले वहां से फरार हो चुका था। वह कभी दारोगा बंद कर तो कभी खुद को जमादार बताकर ऐसी घटनाओं को अंजाम देता रहा है । कुछ साल पहले पशुओं की तस्करी के समय यह प्राय: वैसे मार्गो में ही दिखता था। बहरहाल शिकारपुर पुलिस ने उसके अपराधिक कारनामे की कलई खोल दी है। पुलिस निरीक्षक उपेंद्र कुमार ने बताया कि उसे जेल भेज दिया गया है। पुलिस यह भी पता कर रही है कि उसने और भी किन किन घटनाओं को अंजाम दिया है।

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