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एसएमएस से मिलेगी पर्ची की सूचना, किसान करेंगे गन्ने की आपूर्ति

बगहा। चीनी मिल से पर्ची निर्गत होने के साथ ही इसकी सूचना किसानों को एसएमएस के माध्यम से दे दी जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 06:13 PM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 06:13 PM (IST)
एसएमएस से मिलेगी पर्ची की सूचना, किसान करेंगे गन्ने की आपूर्ति
एसएमएस से मिलेगी पर्ची की सूचना, किसान करेंगे गन्ने की आपूर्ति

बगहा। चीनी मिल से पर्ची निर्गत होने के साथ ही इसकी सूचना किसानों को एसएमएस के माध्यम से दे दी जाएगी। इसी आधार पर किसान अपने गन्ने की छिलाई और आपूर्ति कर सकेंगे। यह जानकारी तिरुपति सुगर मिल बगहा के एमडी दीपक यादव ने शनिवार को प्रेसवार्ता के दौरान दी। श्री यादव ने बताया कि रविवार को डोंगा पूजन के साथ ही मिल का पेराईसत्र शुरु हो जाएगा। इस वर्ष पेराई सत्र के दौरान किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। श्री यादव ने कहा कि सर्वे के अनुसार कैलेंडर सिस्टम से पर्ची निर्गत की जाएगी। ताकि किसान बिना किसी परेशानी के आपूर्ति कर सके। बीते वर्ष के बकाया भुगतान पर श्री यादव ने कहा कि बीते वित्तीय वर्ष में मिल ने 327 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा था। करीब 307 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। बकाया 20 करोड़ रुपये का भुगतान इस महीने के अंत तक कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि चीनी के रेट में लगातार कमी के कारण मिल घाटे में चल रहा है। जिसके कारण इस वर्ष किसान और मिल को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। सरकार की ढुलमुल नीति के कारण गन्ना किसानों को भुगतान के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि किसानों के खेतों के मिट्टी की जांच के लिए मिल प्रबंधन पहल कर रहा है। सैकड़ों किसानों के मिट्टी की जांच कराकर उन्हें स्वायल हेल्थकार्ड सौंपा गया है। इस वर्ष भी मिट्टी की उर्वराशक्ति की जांच करायी जाएगी। मौके पर मिल के महाप्रबंधक वाईएस भटनागर समेत कई अधिकारी मौजूद थे। भुगतान के लिए करना पड़ेगा इंतजार किसानों को इस वर्ष गन्ना मूल्य भुगतान के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। कारण सरकार ने अबतक गन्ने का रेट तय नहीं किया है। इसके साथ चीनी का रेट भी काफी कम है। इस वजह से वर्तमान वित्तीय वर्ष में मिल भुगतान की स्थिति में नहीं है। एमडी श्री यादव ने कहा कि सरकार ने यह आश्वासन दिया था कि गन्ना किसानों को दोहरा लाभ देने के लिए योजना लाई जाएगी। लेकिन अबतक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई। किसानों की समस्या को देखते हुए पेराई सत्र प्रारंभ कर दिया गया है। भुगतान सरकार के द्वारा सब्सिडी मिलने या चीनी का मुनासिब मूल्य निर्धारित होने के बाद ही हो सकेगा।

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