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गंडक के जलस्तर में वृद्धि की सूचना से पूरी रात बेचैन रहे लोग

मंगलवार की रात्रि वाल्मीकिनगर थाना क्षेत्र के हजारों लोगों ने बाढ़ की सूचना के बाद आंखों ही आंखों में रात गुजारी।

By Edited By: Published: Wed, 27 Jul 2016 09:46 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jul 2016 09:46 PM (IST)

बगहा। मंगलवार की रात्रि वाल्मीकिनगर थाना क्षेत्र के हजारों लोगों ने बाढ़ की सूचना के बाद आंखों ही आंखों में रात गुजारी। गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि को लेकर इस सूचना को बल मिला। मंगलवार की शाम से ही गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा। जो अधिकतम 3 लाख 50 हजार तक दर्ज किया गया। नदी के इस रौद्र रुप को देखकर अभियंताओं सहित आम नागरिकों को भी बाढ़ का भय सताने लगा। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे लोगों के मन से भय भी जाता रहा। हालांकि जल मापन केंद्र देवघाट नेपाल के द्वारा जारी चेतावनी में कहा गया था कि गंडक नदी के जलस्तर में 5 लाख क्यूसेक से अधिक की वृद्धि दर्ज की जा सकती है। हालांकि बुधवार की सुबह से ही गंडक नदी का जलस्तर 3 लाख 15 हजार पर कायम है। वहीं घटते जलस्तर से लोगों ने राहत की सांस ली है। वहीं जानकारों की माने तो भले ही बाढ़ से खतरा टल चुका हो लेकिन नदी की पेटी में सिल्ट जमा होने के कारण इसकी क्षमता 3 लाख क्यूसेक कम हो गई है। यदि भविष्य में पांच लाख क्यूसेक से अधिक पानी नेपाल से छूटा तो भयंकर तबाही से इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि गंडक नदी में पानी भंडारण की क्षमता साढे आठ लाख क्यूसेक की है। जो वर्तमान में घटकर साढे पांच लाख हो गया है। पांच लाख क्यूसेक पानी आने की स्थिति में गंडक नदी खतरे के निशान को पार कर जाएगी। जिससे निचले इलाकों में तबाही मच सकती है। वाल्मीकिनगर के बाद गंडक नदी नेपाल की ओर रुख करती है जहां पत्थरकला हेड होते हुए भारतीय सीमा में प्रवेश करती है। 23 किमी के सफर में यूपी के सीमावर्ती जिलों को टच करते हुए पुन: बिहार में प्रवेश कर जाती है। बगहा बेतिया, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर होते हुए गंडक नदी गंगा में जाकर मिल जाती है।

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रात भर हुई गश्ती

एसएसबी 21वीं वाहिनी के जी कंपनी के निरीक्षक शक्ति प्रसाद उनीयाल एवं वाल्मीकिनगर थानाध्यक्ष गोल्डेन कुमार के द्वारा मंगलवार की रात्रि थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में गश्त की गई। तथा लोगों को बाढ़ से सजग व सतर्क रहने की सलाह दी गई। साथ ही अफवाह न फैलाने की अपील की गई।

पसरा बाढ़ का पानी

मंगलवार की रात्रि गंडक बराज से 3 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी छूटने से अभियंताओं के बीच अफरातफरी मची रही। वहीं त्रिवेणी सहित कई तटबंधों पर बाढ़ का दबाव बढ़ने लगा। वहीं ठाढ़ी गांव सहित हवाई अड्डा के रनवे पर दो फिट पानी चढ़ गया। साथ ही ठाढ़ी विद्यालय के आसपास के खेतों में बाढ़ का पानी फैल गया है। वहीं लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत के झंडहवा टोला स्थित एसएसबी के बीओपी तक बाढ़ का पानी जा पहुंचा है। हालांकि इस बाढ़ के पानी से बीओपी को नुकसान की खबर नहीं है। वहीं यूपी के दो गांव मरिचहवा एवं बसंतपुर में बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण दोनों गांवों का मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है।

एसडीएम ने लिया गंडक बराज का जायजा

मंगलवार की शाम गंडक बराज को हाई अलर्ट पर रखने की घोषणा के बाद बुधवार को बगहा एसडीएम धर्मेद्र कुमार गंडक बराज का जायजा लेने वाल्मीकिनगर पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने क्षतिग्रस्त 33 नंबर फाटक सहित गंडक बराज के जलाशय का भी जायजा लिया। उन्होंने नियंत्रण कक्ष में उपस्थित अभियंताओं से बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली एवं आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया। इस अवसर पर उन्होंने अधीक्षण अभियंता अरुण कुमार को गंडक बराज से जुड़े सभी सिंचाई कर्मियों को 24 घंटे अलर्ट रहने का निर्देश दिया। इस अवसर पर अधीक्षण अभियंता अरुण कुमार ने कहा कि गंडक बराज पूर्णत: सुरक्षित है। हालांकि क्षतिग्रस्त 33 नंबर फटक के जिर्णोद्धार हेतु हार्डवेयर एंड टूल्स कंपनी को वाल्मीकिनगर बुलाया गया है, वे वाल्मीकिनगर में कैंप कर रहे हैं। गंडक नदी के जलस्तर में कमी होते ही स्टाप ब्लाक लगाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी। मौके पर डीसीएलआर जयचंद यादव, सहायक अभियंता विरेंद्र कुमार सहित कई अभियंता उपस्थित रहे।


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