मठ मंझरिया शिवमंदिर
नरकटियागंज-भिखनाठोरी मुख्य पथ पर मठ मंझरिया के पास स्थित शिवमंदिर की महिमा किसी से छिपी हुई नही है।
बेतिया। नरकटियागंज-भिखनाठोरी मुख्य पथ पर मठ मंझरिया के पास स्थित शिवमंदिर की महिमा किसी से छिपी हुई नही है। यहां दूर-दूर से भक्त आकर जलाभिषेक करते हैं। श्रावण मास में प्रतिदिन श्रद्धालु भक्तों का तांता लगा रहता है। प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्री एवं माघ पंचमी के दिन यहां भव्य मेला लगता है। इसमें बिहार सहित नेपाल से लोग शामिल होते है। कहा जाता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गयी मन्नतें पूरी होती है। यही कारण है कि यहां श्रद्धालु भक्तों का आना जाना लगा रहता है। यहां प्रत्येक वर्ष कई शादियां रचायी जाती है।
इतिहास
मठ मंझरिया शिव मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। इसका निर्माण कई सौ वर्ष पहले का बताया जाता है। रामनगर राज की रानी जानकी कुंवर यहां आकर पूजा अर्चना करती थी। मंदिर परिसर में गणेश जी एवं पार्वती जी की भी मूर्ति स्थापित है।
बयान
फोटो : 06 बीईटी 11
मंदिर के 45 वर्षीय पुजारी विजय गिरी ने बताया कि उनके पिता व दादा भी इस मंदिर के पुजारी थे। वे भी मंदिर में तन मन से पूजा अर्चना करते आ रहे है। इस मंदिर की महिमा अपरम्पार है। मंदिर में शिव दर्शन व पूजन को लोग दूर-दूर से यहां आते हैं।
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मुखिया अनिता देवी ने बताया कि यह बहुत ही पुराना मंदिर है। इस मंदिर की ख्याति दूर दूर तक है। स्थानीय लोगों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है। यहां हजारों श्रद्धालु प्रत्येक वर्ष जलाभिषेक करते है।