दुकानदारों की चांदी, ग्राहकों की कट रही जेब
बेतिया। माप तौल विभाग के अधिकारियों के उदासीनता के चलते ग्राहकों को प्रतिदिन चूना लग रहा है।
बेतिया। माप तौल विभाग के अधिकारियों के उदासीनता के चलते ग्राहकों को प्रतिदिन चूना लग रहा है। बाट की नियमित जांच नहीं होने के चलते ज्यादातर दुकानदार सब्जी, फल और मांस मछली विक्रेता बाट से रंगा निकालकर वास्तविक सही वजन से कम समान देते हैं। ग्राहकों को 500 ग्राम के जगह पर 400 ग्राम और 1 किलो वजन की जगह पर 800 से 850 ग्राम तक ही दिया जाता है। हालांकि कई दुकानदार इलेक्ट्रॉनिक कांटा भी रखे हुए हैं। लेकिन उससे भी लोगों को 1 किलो की जगह पर 900 ग्राम ही वजन मिल रहा है। ऐसे में ग्राहकों को हर दिन दुकानदारों के द्वारा चुना लगाया जा रहा है। कहने को तो जिला मुख्यालय में माप तोल विभाग के अंतर्गत अधिकारी व कर्मचारी कार्यरत हैं। लेकिन नियमित जांच नहीं करने से दुकानदारों के द्वारा ग्राहकों का शोषण किया जा रहा है। प्रतिदिन दुकानदारों और ग्राहकों के बीच इसको लेकर तू तू मे मे भी हो जाती है। लेकिन दुकानदारों के सामने ग्राहक अपने को कमजोर पाकर कम सामान लेकर जाना उसकी मजबूरी होती है। ऐसा नहीं है कि माप तौल विभाग इससे अनभिज्ञ है। लेकिन यह सब कुछ जान कर भी विभाग मौन है।लोगों की मानें तो जिले में माप तौल विभाग का अस्तित्व धीरे-धीरे खत्म होते जा रहा है। बहुत सारे दुकानदारों और लोगो को भी इस विभाग के बारे में ही पता नहीं है। इस कारण एक ओर जहां दुकानदारों की चांदी कट रही है। वहीं दूसरी ओर ग्राहकों की पॉकेट काटी जा रही है। फुटपाथ के दुकानदार अक्सर लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हैं। वे दो तरह के बाट का उपयोग करते हैं। खासकर इन फुटपाथ दुकानदारों के शोषण के शिकार ग्रामीण क्षेत्र के भोले-भाले लोग होते हैं। हालांकि इस मामले में माप तोल विभाग के अधिकारियों का कांटेक्ट नंबर नहीं मिलने से उनका पक्ष नहीं लिया जा सका है।
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क्या कहते हैं ग्राहक
शहर के आईटीआई जयप्रकाश नगर निवासी किशन कुमार ने बताया कि सबसे ज्यादा घटतोली मछली, फल और सब्जी विक्रेताओं के द्वारा की जाती है। यह सब माप तोल विभाग के उदासीनता के चलते होता है। अगर प्रतिदिन शहर में कहीं न कहीं छापामारी की जाए तो बहुत हद तक इस पर नियंत्रण किया जा सकता है।
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शहर के शिक्षक नगर निवासी बृजेश दुबे ने बताया कि महंगी चीजों के व•ान कम मिलने से काफी नुकसान होता है। एक तो महंगाई ऊपर से चीजो के माप तौल कम होने से काफी परेशानी होती है। दुकानदार से कमतौल की शिकायत करने पर झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं।
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शहर के बानु छापर सन्त कबीर रोड निवासी संजय राव कहते हैं कि जिले में माप तौल विभाग उदासीन है। आए दिन ग्राहकों और दुकानदारों के बीच घटतोली को लेकर वाद विवाद होती रहती है। इसके बावजूद भी विभाग के द्वारा नियमित जांच नहीं किया जाता है।
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शहर के कोतवाली चौक निवासी जयप्रकाश गुप्ता ने बताया कि प्रत्येक दुकानदार को माप तौल विभाग से जांच कर बाट का उपयोग किए जाने का नियम है। लेकिन जागरूकता की कमी के चलते कई ग्राहक इससे अनभिज्ञ हैं।
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शहर के तीन लालटेन कमलनाथ नगर निवासी अजय मिश्र ने बताया कि घटतोली शहर की पहचान बन चुकी है। इसके लिए माप तोल विभाग के अधिकारियों को प्रतिदिन छापेमारी करनी चाहिए। और साथ ही लोगों को भी अपने हक के लिए जाग
रूक होना चाहिए।
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ग्राहकों को है यह अधिकार
---सही वजन एवं मात्रा उपभोक्ताओं को दिलाना माप तोल विभाग की जिम्मेवारी है।
---कम वजन देने वाले दुकानदार को जुर्माने के साथ साथ सजा का भी है प्रावधान है।
--- माप तौल विभाग का काम है कि इस्तेमाल किए जा रहे बाट व उपकरणों की नियमित रूप से जांच करें।
--- किसी भी चीज के अधिकतम मूल्य पर अगर दुकानदार स्टीकर लगाता है तो यह गैरकानूनी है। इसके लिए आपको शिकायत का अधिकार है।
--- लोहे के बाट व इलेक्ट्रॉनिक मशीन के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है।
--- व्यापारी द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे माप तोल उपकरण सही हैं या नहीं। इसके लिए माप तौल विभाग की मुहर आवश्यक होती है।