मास्क है सुरक्षा कवच, लापरवाही होगी खतरनाक
बेतिया। कोरोना को लेकर लापरवाही बढ़ती जा रही है। लोग इतने लापरवाह हो गए हैं कि चेहर
बेतिया। कोरोना को लेकर लापरवाही बढ़ती जा रही है। लोग इतने लापरवाह हो गए हैं कि चेहरे पर मास्क लगाना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। इसका नजारा शहर के बाजारों एवं अस्पतालों में देखा जा सकता है। बिना मास्क लोग दुकानों पर खरीदारी करते भी देखे जा सकते हैं। हद तो यह है कि अस्पताल में भी लोग मास्क लगाने से कतरा रहे हैं। अनलॉक होने के साथ प्रशासन की सख्ती क्या कम हुई, लोग लापरवाही बरतने लगे हैं। उनकी यह लापरवाही, समाज एवं आम लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। लोग बिना मास्क के ही दुकानों से सामान खरीद रहे हैं। दुकान छोटी हो या बड़ी हर जगह यह ही हाल है। शारीरिक दूरी का भी पालन नहीं कराया जाता है। ठेले पर फल बेचने वाले भी लापरवाही बरत रहे हैं। उनकी यह लापरवाही सबसे ज्यादा इन लोगों में भी संक्रमण फैलने और फैलाने का कारण बन सकता है। विभिन्न अस्पताल में भी नियमों का उल्लंघन हो रहा है। यहां मरीज एवं परिजन शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन भी इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। नतीजतन संक्रमण बढ़ने के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि फिलहाल संक्रमण का ग्राफ काफी कम है,लेकिन इसी तरह से लापरवाही होती रही तो शायद बढ़ सकता है।
------------- बोले डॉक्टर : मास्क एवं शारीरिक दूरी कोरोना से बचाव का एकमात्र उपाय
बाजार में कोरोना की वैक्सीन आने में देरी है। ऐसे में मास्क एवं शारीरिक दूरी ही कोरोना से बचाव का एकमात्र उपाय है। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के डॉ कुमार सौरभ ने कहा कि जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती है, मास्क एवं शारीरिक दूरी ही कोरोना से बचाव का एक एकमात्र उपाय है। उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा कवच है। उन्होंने कहा कि मास्क के बदौलत ही अब तक अधिकांश लोग सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मास्क लगाने से न सिर्फ कोरोना बल्कि टीबी व अन्य ड्रॉपलेट बीमारियों से बचा जा सकता है। कोरोना से बचने के लिए जब तक वैक्सीन नहीं आता है, तब तक मास्क लगाना जरूरी है। मास्क पहनने से स्वयं सहित पूरे परिवार को कोरोना से बचा सकते हैं। कोरोना से बचने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर रहनी चाहिए , इसलिए जब भी घर से निकले तो खाना खाकर ही निकलें। साथ में पानी जरूर रखें। सार्वजनिक जगहों पर जब भी जाएं तो दूरी बनाकर खड़े रहें। इधर-उधर थूकें से बचें।