प्रकाश हत्याकांड में सात को उम्रकैद की सजा
बेतिया। बहुचर्चित प्रकाश कुशवाहा हत्याकांड की सुनवाई पूरी करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यनारायण शिव हरे ने कांड के सात अभियुक्तों को दोषी पाया है।
बेतिया। बहुचर्चित प्रकाश कुशवाहा हत्याकांड की सुनवाई पूरी करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यनारायण शिव हरे ने कांड के सात अभियुक्तों को दोषी पाया है। न्यायाधीश ने दोषसिद्ध अभियुक्त ललन प्रसाद, नगीना यादव, कृपा यादव, हकीम मियां, वीरन यादव, जंगबहादुर यादव, प्रेम यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ-साथ न्यायाधीश ने दस हजार रुपये जुर्माना देने का भी आदेश दिया है। वहीं शस्त्र अधिनियम की धारा 27 में न्यायाधीश ने अभियुक्तों को पांच वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। सजा सुनाने के बाद न्यायालय ने सभी अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उपरोक्त वाद के अपर लोक अभियोजक विजय बहादुर सिंह ने बताया है कि कांड के सूचक योगापट्टी थाना क्षेत्र के चोरही सिरिसिया निवासी ध्रुव प्रसाद है। घटना 08 सितंबर 2010 की है। सिरिसिया गांव में कुश्ती दंगल का आयोजन होने वाला था। उस दंगल की सुरक्षा के लिए प्रकाश कुशवाहा बेतिया आया था। शनिचरी, बरवा, अमेठिया होते हुए प्रकाश चोरही सरेह के टेढ़की पुल के पास पहुंचा तभी आरोपित लोगों ने उसे घेर लिया और बाइक से खींचकर गिरा दिया। बकझक होने के क्रम में हथियार बंद लोगों ने ताबड़तोड़ प्रकाश कुशवाहा पर फायरिग कर दी। फिर सभी हाथ में हथियार लहराते हुए गन्ने की खेत में घुस गए। बाइक के पीछे बैठे चाचा राजेंद्र प्रसाद जमीन पर गिरे लहूलुहान प्रकाश को देखा कि पाया कि उसे अपना दम तोड़ दिया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने ध्रुव प्रसाद के फर्द बयान के आधार पर नौ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई। कांड के अनुसंधान के बाद खुलासा हुआ कि प्रकाश कुशवाहा की हत्या वर्चस्व की लड़ाई को लेकर की गई है। योगापट्टी थाने के चोरही निवासी ललन प्रसाद, नगीना प्रसाद, कृपा यादव व योगापट्टी के निमुईया निवासी वीरन यादव, जंगबहादूर यादव तथा थाना क्षेत्र के बरियारपुर निवासी प्रेम यादव एवं अन्य लोगों ने साजिश के तहत हत्या की घटना को अंजाम दिया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने यह फैसला सुनाया है।
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