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गंडक नदी के सोता के कटाव से हाहाकार, लोगों का पलायन

बेतिया। योगापट्टी प्रखंड के गंडक तटवर्ती इलाके सिसवा से लेकर मंगलपुर मंधातापुर खापटोला क

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 11:32 PM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 11:32 PM (IST)
गंडक नदी के सोता के कटाव से हाहाकार, लोगों का पलायन

बेतिया। योगापट्टी प्रखंड के गंडक तटवर्ती इलाके सिसवा से लेकर मंगलपुर, मंधातापुर, खापटोला, करबोला, बीनटोली सहित आधा दर्जन गांवों में गंडक के छाडन सोता नदी का कटाव बुधवार की देर रात से शुरू हो गया है। जिससे उक्त गांवों में अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। लोग गांव को छोड़ सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करने लगे है। इन गांवों से गंडक के छाडन सोता नदी अब दूर नहीं है, अब बस एक कदम दूरी पर फिर से वर्षों पूर्व हुए प्रलयंकारी कटाव का खतरा मंडराने लगा है। कटाव इतना तेज हैं कि आधा किलोमीटर दूर इन गांव के अब समीप नदी का कटाव चला आया है। खापटोला के करबोला का आधा हिस्सा कटाव में समाहित है। स्थानीय मुखिया आशा देवी ने बताया कि नदी में आए उफान के बाद जलस्तर में आई कमी के बाद नदी का कटाव बुधवार की देर रात शुरू हो गया। देखते ही देखते गुरुवार को नदी का कटाव उपरोक्त सभी गांवों के करीब आ चुका है। इन गांव में रह रहे लोग अब सुरक्षित ठिकाने की तलाश कर रहे है। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां आसमान से मूसलाधार बारिश हो रही है, वहीं दूसरी ओर नदी का तेज कटाव लोगों को झकझोर दिया है। ऐसे में बाढ व कटाव से निपटने के लिए सरकार की खोखलापन दावे की पोल खुल गई है। सिसवा मंगलपुर गांव निवासी चुन्नु पांडेय, मंगलपुर गांव निवासी सह पूर्व मुखिया कृष्ण विद, रामेश्वर यादव आदि लोग ने बताया कि हर वर्ष गंडकवर्ती दियरा क्षेत्र के इन गांवों के लिए आपदा प्रबंधन की ओर से बाढ़ व कटाव से निजात पाने के लिए करोड़ों रुपये की योजना बनाई जाती है, लेकिन धरातल पर कुछ दिखाई नही देता, इन लोगों ने बताया कि गंडक के छाडन सोता नदी के बढ़ती बाढ व कटाव के खतरे को रोकने के लिए कभी भी धरातल पर कार्य नही हुआ है। अगर नदी के किनारे रिग बाध का निर्माण और पुल का निर्माण करा दिया जाता, तो हर वर्ष इन गांव के लोगों को ऐसी बाढ व कटाव रूपी विभिषिका का सामना करना नहीं पड़ता।

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