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गार्डो को एक माह के अंदर बकाया भुगतान करे सिक्यूरिटी एजेंसी

बेतिया। जीएमसीएच व जिले के अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं में तैनात सिक्यूरिटी गार्ड एवं सुपरवाईजर के कम वेतन भुगतान पर सहायक श्रम आयुक्त के न्यायालय ने एक अहम फैसला सुनाया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 10:51 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 10:51 PM (IST)
गार्डो को एक माह के अंदर बकाया भुगतान करे सिक्यूरिटी एजेंसी

बेतिया। जीएमसीएच व जिले के अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं में तैनात सिक्यूरिटी गार्ड एवं सुपरवाईजर के कम वेतन भुगतान पर सहायक श्रम आयुक्त के न्यायालय ने एक अहम फैसला सुनाया है। इसके अनुसार इस कार्य में लगाई गई एजेंसी को एक माह के अंदर राशि का भुगतान करना होगा। ऐसे में गोस्वामी सिक्यूरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की मुश्किलें बढ़ गई है। अब उसे गार्ड व उनके सुपरवाइजरों को 66 लाख 50 हजार 60 रुपये एक मुश्त भुगतान करना होगा। सिक्योरिटी एजेंसी में कार्य करने वाले मझौलिया थाना के बिरवा गांव निवासी मोतिलाल यादव,शहर के जयप्रकाश नगर आईटीआई कॉलोनी निवासी रजनीश कुमार वर्मा, धनहा थाना के समलेखा के पिटू मिश्रा व शहर के बुलाकी सिंह चौक निवासी पहलाद प्रसाद की ओर से सहायक श्रमायुक्त नीरज नयन के न्यायालय में अलग-अलग दायर परिवाद में यह फैसला आया है। सहायक श्रमायुक्त ने फैसले में गोस्वामी सिक्योरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक, सिविल सर्जन व जीएमसीएच के प्राचार्य को कामगारों को बकाया मजूदरी का दो गुणा भुगतान करने का आदेश निर्गत की तिथि के एक माह के अंदर न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर करने की बात कही गई है। आदेशित राशि का भुगतान समय सीमा के अंदर नहीं किए जाने पर उक्त राशि की वसूली निलाम पत्रवाद दायर करने का आदेश न्यायालय ने दिया है। मोतिलाल यादव की ओर से दायर परिवाद में चार लोगों को मुआवजा के साथ 16 लाख 53 हजार 340, रजनीश कुमार वर्मा की ओर सेदायर परिवाद में छह लोगों को12 लाख 59 हजार 840, पिटू मिश्रा के परिवाद पर 8 लोगों को 24 लाख 32 हजार 160 व पहलाद प्रसाद के दायर परिवाद पर 10 लोगों 13 लाख 4 हजार 720 रुपये भुगतान करने का आदेश सहायक श्रमायुक्त के न्यायालय ने दिया है।

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जीएमसीएच व सीएस कार्यालय से प्रतिदिन सुरक्षा गार्ड को 321 व सुपरवाइजरों को 387 रुपये होता था भुगतान जीएमसीएच व सीएस की ओर से महज 4 व 6 हजार प्रतिमाह भुगतान करने का एग्रीमेंट किया गया था। जबकि भुगतान की राशि 321 एवं 387 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से होना चाहिए था। इसकी जानकारी सहायक श्रमायुक्त के न्यायालय में सुनवाई के दौरान हुई है।


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