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राशन उठाव में निर्धारित मूल्य से अधिक होती वसूली

बेतिया। गौनाहा, आदिवासी एवं महादलित बहुल प्रखंड में जनवितरण प्रणाली की दुकानें शोषण के साथ राहत दे रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 11:15 PM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 11:15 PM (IST)
राशन उठाव में निर्धारित मूल्य से अधिक होती वसूली
राशन उठाव में निर्धारित मूल्य से अधिक होती वसूली

बेतिया। गौनाहा, आदिवासी एवं महादलित बहुल प्रखंड में जनवितरण प्रणाली की दुकानें शोषण के साथ राहत दे रही है। जहां के लोग जागरूक है वहां तो ससमय राशन और केरासीन वितरित होता है। लेकिन जहां के लोगों में जागरूकता की कमी है। वहां लाभुकों को समुचित लाभ का मिलना कभी कभी ही दिखता है। कहने को तो प्रखंड में करीब 80 जनवितरण प्रणाली की दुकानें हैं। सभी दुकानों पर राशन हर महीने उपलब्ध हो जाता है। ग्राहकों के पास इंटरनेट की सुविधा एवं मोबाइल की ताकत आ जाने से विक्रेताओं में काफी सुधार हुआ है। जागरूक लाभुक गड़बड़ी की स्थिति में तुरंत अधिकारियों से संपर्क कर संबंधित दुकानदार की शिकायत पहुंचा देते और कार्यवाही होने की डर से ऐसी गड़बड़ियों पर बहुत हद तक रोक लगा है। मंगलवार को दैनिक जागरण के पड़ताल में धनौजी पंचायत के मंडीहा गांव स्थित जनवितरण प्रणाली विक्रेता रामप्रसाद राम के यहां कई गड़बड़ियों का पिटारा खुला। अनुज्ञप्ति संख्या 59/17 के दुकान पर पहुंचे शेरवा गांव निवासी सह लाभुक आशा मियां ने कहा कि 21 किलो चावल के लिए 91 रुपये के बदले 105 रुपया देना पड़ता है। वहीं 1.5 लीटर केरोसिन के लिए 50 रुपये वसूल की जाती है। दुकान पर पहुंचे साबिर मियां, हसीना खातून, वीरेंद्र महतो आदि ने तो कहा कि दिसंबर का राशन दिए बगैर ही डीलर ने कार्ड पर राशन उठाव चढ़ा दिया है। लाभुकों ने यह बताया कि समीप के डीलर रंभू यादव द्वारा दिसंबर का राशन बांट दिया गया, लेकिन डीलर रामप्रसाद राम ने तो राशन बांटा हीं नहीं। लाभुकों ने यह बताया कि प्रत्येक कार्ड पर निर्धारित राशन में कमी करते हुए घटतौली की जाती है। लेकिन इस मामले पर किसी अधिकारी द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती है। इधर डीलर रामप्रसाद राम ने लाभुकों के आरोपों को नकारते हुए कहा कि रुपये के अभाव में राशन का उठाव देरी से होता है। लेकिन बंटता जरूर है। बयान

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पूर्व में भी इस तरह की शिकायत स्थानीय पैक्स व बीडीओ के द्वारा की गई थी। अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश के आलोक में दूसरे प्रखंड के एमओ के द्वारा जांच की गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। अगर पुन: इस तरह की शिकायत मिलती है तो विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी ।

अजय कुमार, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी


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