खींच लाई देश की माटी, कर रहे गो-पालन
बगहा एक प्रखंड के भैरोगंज निवासी जैनेंद्र कुमार सिंह ने अपनी मेहनत के दम पर सफलता प्राप्त कर दूसरों के सामने उदाहरण पेश किया है।
बगहा । बगहा एक प्रखंड के भैरोगंज निवासी जैनेंद्र कुमार सिंह ने अपनी मेहनत के दम पर सफलता प्राप्त कर दूसरों के सामने उदाहरण पेश किया है। वर्ष 2000 में रोजी-रोटी की तलाश में वे परदेश गए। कुछ महीनों के बाद उन्हें सउदी अरब जाने का मौका मिला। वहां उन्होंने वर्षो नौकरी की। लेकिन, अपनी माटी की याद उन्हें सताती रही। आखिरकार वर्ष 2010 में उन्होंने अपने देश लौटने का निर्णय ले लिया। जैनेंद्र ने गांव में डेयरी उद्योग स्थापित किया। पांच गायों से व्यापार प्रारंभ हुआ। जैनेंद्र को फिलहाल प्रतिमाह 20 से 25 हजार रुपये की आमदनी हो जाती है। जैनेंद्र बताते हैं कि इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण रोजगार की तलाश में पहले लुधियाना गया। वहां कुछ महीनों तक नौकरी की। लेकिन, तंगी बरकरार रही। फिर पासपोर्ट बनवाया और विदेश जाने की ठान ली। लंबी प्रतीक्षा के बाद मौका मिला। सउदी अरब में नौकरी के दौरान 40 से 50 हजार रुपये की मासिक आमदनी हो जाती थी। वहां वे एक कंपनी में सुपरवाइजर के पद पर काम करते थे। लेकिन, एक बात की टीस मन में रहती थी कि घर छोड़कर यहां नौकरी करनी पड़ रही है। देखते ही देखते 10 साल गुजर गए। बच्चे बड़े हो रहे थे। उनकी पढ़ाई और देखभाल की चिता सताती थी। फिर एक दिन तय किया कि अब बहुत हुआ। घर लौटूंगा। अपनों के बीच रहूंगा।
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गो-पालन से की शुरुआत :-
बकौल जैनेंद्र माता-पिता की सेहत ठीक नहीं रहती थी। घर लौटने के बाद उनका इलाज कराया। जब वे भले-चंगे हो गए तो फिर रोजगार की ओर ध्यान गया। काफी सोच-समझकर गो-पालन की ठानी। पांच गायों से बिजनेस शुरू किया। शुरुआत में दूध को मार्केट भेजने में दिक्कत हुई। लेकिन फिर धीरे-धीरे सबकुछ सामान्य हो गया। बिजनेस चल निकला। आठ वर्ष बाद आज उनका डेयरी उद्योग स्थापित हो चुका है। प्रतिदिन 40 से 50 लीटर दूध बाजार में बेचते हैं। बच्चे पढ़ाई के साथ उनका हाथ भी बंटाते हैं। 20 से 25 हजार रुपये की मासिक आमदनी के दम पर परिवार की गाड़ी ठीक ढंग से चल रही है।
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