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फल-सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी, महंगाई ने किया बेजार

बगहा। शारदीय नवरात्र में व्रती फलाहार का सेवन करते हैं। इसके अलावा पूजन में चढ़ावा के रूप में भी फल चढ़ाए जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 01:06 AM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 06:30 AM (IST)
फल-सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी, महंगाई ने किया बेजार
फल-सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी, महंगाई ने किया बेजार

बगहा। शारदीय नवरात्र में व्रती फलाहार का सेवन करते हैं। इसके अलावा पूजन में चढ़ावा के रूप में भी फल चढ़ाए जाते हैं। इसे लेकर पूरे नवरात्र फलों की जमकर बिक्री होती है। नवरात्र के शुरू होते ही थरुहट के हरनाटांड़ बाजार में फलों के दाम आसमान छूने लगे हैं। वैसे तो पहले से ही महंगाई के कारण फल व सब्जी के कुछ दाम अधिक ही चल रहे थे। लेकिन पिछले तीन-चार दिन में ही फलों के दामों में 30 से 40 प्रतिशत तक की अच्छी खासी बढ़ोतरी हो चुकी है। आमतौर पर त्योहार और व्रत के समय मांग बढ़ने पर फलों के दाम बढ़ते रहे हैं। जानकारों का मानना है कि ऐसा तभी होता है जब बाजार में फलों की आवक में कमी हो, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। माना जा रहा है कि कुछ थोक विक्रेताओं ने फलों की मांग बढ़ने का पूरा फायदा उठाना शुरू कर दिया है। थोक स्तर पर ही फलों की दर आदि बढ़ने से खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी होना स्वाभाविक है। जहां तक आवक की बात है, पहले की तरह अब फलों की आवक उस अनुपात में नहीं हो रही है। इसका प्रमुख कारण लगातार हो रही बारिश और कई क्षेत्रों में बाढ़ को माना जा रहा है। जानकारों के अनुसार मंडी में फलों के थोक विक्रेता त्योहार से ठीक पहले फलों का भंडारण करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में बाजार में फलों की कमी आ जाती है तथा नवरात्र के चलते मांग और बढ़ जाने से विक्रेता मनमाने दामों में अपने फलों को खुदरा दुकानदारों को बेचते हैं, जिसका सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ता है। हालांकि इस बार तो बारिश ने भी बाजार का हाल बिगाड़ रखा है। जिसकी वजह से फलों के दाम आसमान छूने लगे हैं।

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आसमान छू रही फलों व सब्जियों की कीमत :-

त्योहार आते ही फलों के साथ साथ सब्जियों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। पिछले सप्ताह की तुलना में सभी प्रकार की सब्जियों की कीमत में 10 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस कारण ग्राहक दुकान में जाने के बाद खरीदारी में थोड़ा संकोच कर रहा है। हालांकि नवरात्र होने की वजह से सब्जियों की खपत ज्यादा होती है। जिसकी वजह से लोग मजबूर होकर सब्जियों की खरीदारी के लिए दुकानों पर पहुंचते हैं और मुंहमांगी कीमतों पर सब्जियां खरीदने को विवश हैं। हालांकि बारिश और बाढ़ की वजह से स्थानीय सब्जियों की अब बाजार में कमी होने लगी है। सिर्फ आलू व देसी सब्जियों को छोड़कर अन्य सब्जियों के लिए लोगों को बाहर से आने वाली खेप पर निर्भर रहना पड़ रहा है। इधर सब्जी व्यापारियों का कहना है कि मंडी से ही सामान महंगा मिल रहा है। लगातार बारिश और बाढ़ के कारण सब्जियों की कीमत ने अपेक्षाकृत ज्यादा उछाल मारी है। त्यौहार के समय फलों और सब्जियों की खपत भी ज्यादा होती है। यहीं कारण है कि व्यापारी भी इस मौके का फायदा उठा लेते हैं।


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