चंपारण के पोपलर से दिल्ली व हरियाणा में बनेगी प्लाइवुड
बात की पुष्टि हुई कि यहां के आवेदकों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके बाद थानाध्यक्ष ने सभी युवतियों को इसे रजिस्ट्री करने से मना किया। बताते चलें कि इन दिनों ने सुबह आठ बजे से ही नगर के डाक घरों में युवतियों और महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। भीड़ को डाककर्मी जब समझाने का प्रयास करते हैं कि आप सब अपना समय और पैसा बर्बाद कर रहे हैं। यह योजना अभी यहां लागू नहीं है। लेकिन लोग रजिस्ट्री करने पर अडिग हैं। थानाध्यक्ष श्री प्रसाद ने आवेदन जमा करने वालों को मना करते हुए अपने आस पास के लोगों को जागरूक करने की बात कही।
बगहा (प.च.), संस : बिहार सरकार की ओर से संचालित हरियाली मिशन के तहत पश्चिमी चंपारण जिले में किसानों ने डेढ़ दशक पूर्व पोपलर की खेती की थी। अब ये पेड़ तैयार हो चुके हैं। लेकिन, इसका उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। इसकी बिक्री के लिए हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बड़े-बड़े प्लाइवुड कारोबारियों से संपर्क साधा गया है। यदि बात बन गई तो फिर चंपारण के पोपलर से दिल्ली, हरियाणा समेत उत्तर प्रदेश के कई शहरों में प्लाइवुड बनेगी। किसानों को अच्छा मुनाफा भी होगा। वन प्रमंडल बेतिया के अन्तर्गत बगहा, रामनगर और बेतिया वन क्षेत्र के किसानों ने वन विभाग के सहयोग से करीब सात वर्ष पूर्व पोपलर के पौधे लगाए थे। जो अब तैयार हो गए हैं। बिक्री नहीं होने के कारण किसान परेशान हैं। यदि पोपलर बिक जाते हैं कि तो फिर किसान नये सिरे से पौधे लगा सकेंगे। सबकुछ ठीक ठाक रहा तो जल्द ही हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से बड़े लकड़ी व प्लाईवुड कारोबारी पश्चिमी चम्पारण पहुंचकर किसानो से संपर्क साधेंगे और पोपलर खरीद कर ले जाएंगे। वन कर्मियों के मुताबिक फिलहाल चंपारण में हजारों एकड़ में पोपलर लगे हैं। कुछ पेड़ तैयार हो चुके हैं। जबकि कुछ अभी छोटे हैं। किसानों को तैयार पोपलर की बिक्री में देरी के कारण हो रही परेशानी को देखते हुए वन महकमे ने अपने स्तर से पहल की है। ताकि निकट भविष्य में किसान इसकी खेती से विमुख न हो।
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तैयार हैं पोपलर :-
अबतक करीब 50 हजार पोपलर के पेड़ तैयार हो चुके हैं। चूंकि बिहार में प्लाइवुड का व्यापार काफी सीमित है। इसलिए वन महकमे ने हरियाणा और दिल्ली समेत अन्य राज्यों के कारोबारियों से संपर्क साधा है। ताकि किसानों को पेड़ों का उचित मूल्य मिले। हर साल हरियाली मिशन के तहत वन विभाग निश्शुल्क पोपलर किट (पौधे) का वितरण करता है। ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना से लाभान्वित हो। एक पेड़ की कीमत बिहार में 2.5-3 हजार रुपये है।
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बयान :-
किसानों को मुनासिब आय हो, इसके लिए वन विभाग ने बड़े कारोबारियों से संपर्क साधा है। बीते करीब छह वर्षो से हर साल किसान पौधे लगाते आए हैं। अब ये पौधे परिपक्व होते जाएंगे, इसलिए इनकी बिक्री की व्यवस्था वन महकमा कर रहा है।
संजीव कुमार , वन क्षेत्र पदाधिकारी , बगहा