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पैथोलॉजी जांच घरों में मरीजों की ¨जदगी से खिलवाड़

हरनाटांड़, बगहा दो प्रखंड के हरनाटांड़ सहित थरुहट क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Dec 2018 11:53 PM (IST)Updated: Fri, 21 Dec 2018 11:53 PM (IST)
पैथोलॉजी जांच घरों में मरीजों की ¨जदगी से खिलवाड़
पैथोलॉजी जांच घरों में मरीजों की ¨जदगी से खिलवाड़

बगहा। हरनाटांड़, बगहा दो प्रखंड के हरनाटांड़ सहित थरुहट क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। थरुहट क्षेत्र के हरनाटांड़ सहित अन्य कई इलाकों में संचालित दर्जनों जांच घर पैथोलॉजी में नियमों की अनदेखी की जा रही है। अधिकतर जांच घर बिना निबंधन के ही संचालित हो रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन का कोई नियंत्रण इस पर नहीं दिख रहा है। ऐसे में मरीजों की ¨जदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है । इसमें सबसे अधिक योगदान झोलाछाप चिकित्सकों का भी है, जो अधिक कमाई की लालच में हर छोटी बड़ी बीमारी होने पर जांच लिख देते हैं। इसमें मरीजों का खूब आर्थिक शोषण भी होता है।कई जांच घरों में या तो मशीन नहीं है या फिर आउटडेटेड मशीनों से जांच हो रही है। जांच घरों में अप्रशिक्षित तकनीशियन पैथोलॉजी जांच कर किसी भी चिकित्सा का हस्ताक्षर कर खुद रिपोर्ट बना मरीजों को देते हैं। गलत रिपोर्ट से होता है जान का खतरा : हरनाटांड़ में पैथोलॉजी जांच के नाम पर ¨जदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है। गलत जांच रिपोर्ट के कारण मरीजों का सही इलाज नहीं हो पाता है। कई बार तो उनकी जान तक चली जाती है। खासकर थारू व आदिवासी क्षेत्र में इस प्रकार का खेल अधिक हो रहा है। जहां झोलाछाप चिकित्सक जांच रिपोर्ट तो मांगते हैं, लेकिन उस रिपोर्ट को देख समझ भी नहीं पाते हैं। यहां प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लोग भी कम ही पहुंचते हैं। बताते चलें कि करीब एक साल पूर्व हरनाटांड़ सहित प्रखंड के कई इलाके में इन जांच घरों व झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ अभियान चलाकर इनपर अंकुश लगाया गया था। इस दौरान कई जांच घर भी सील हुए थे। वहीं करीब दो माह पूर्व एसडीएम ने बगहा में अभियान चलाकर एक झोलाछाप चिकित्सक को पकड़ कर जेल भिजवाया था। बावजूद इसके झोलाछाप चिकित्सकों व अवैध जांच घरों पर आज भी यह गोरखधंधा बिना किसी डर भय से संचालित हो रहा है। जुर्माना का भी है प्रावधान : एक्ट के उल्लंघन करने पर जांच घर पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान रहता है। पहली बार एक्ट की अनदेखी करने पर दस हजार रुपये जुर्माना, दूसरी बार उल्लंघन करने पर पचास हजार रुपये तक का जुर्माना और उसके बाद भी कानून का उल्लंघन होने पर पांच लाख रुपये तक का प्रावधान है। हालांकि हरनाटांड़ सहित प्रखंड के कई इलाके में इस प्रावधानों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बयान :

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दो माह पहले ही प्रखंड में अभियान चलाकर एक क्वेक को जेल भेजा गया था। एक बार फिर सूची तैयार कर ली गई है। शीघ्र ही हरनाटांड़ सहित प्रखंड के सभी इलाकों में अभियान चलाकर अवैध जांच घर संचालकों और झोलाछाप चिकित्सकों पर कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. राजेश ¨सह नीरज, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी

पीएचसी हरनाटांड़


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